सिंघु बॉर्डर पर किसान क्यों हैं अभी भी? एक भी अरेस्ट क्यों नहीं? मीटिंग तो एक रूटीन प्रक्रिया है, लेकिन असामान्य परिस्थिति में रूटीन से बाहर क्यों नहीं है सरकार? टिकैत, योगेन्द्र यादव समेत वो चालीस किसान नेता क्यों नहीं हैं कस्टडी में? सरकार जवाबदेही तक क्यों नहीं तय कर पाई है?
गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में दिल्ली पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में ले लिया है। कहा जा रहा है जल्द ही इन सबको गिरफ्तार किया जाएगा।
लाल किले में घुसी भीड़ ने उपद्रव के दौरान न केवल टिकट काउंटर को पूरी तरह फोड़ा। उन्होंने इसके साथ लगे बोर्डों को भी निकाल कर फेंक दिया। वहीं एसी और रेलिंग को उखाड़कर भी नीचे कर दिया गया है।