घटना की सूचना मिलने पर नगरपालिका भाजपा अध्यक्ष मुकेश नाइक कुछ अन्य महिलाओं के साथ अस्पताल पहुँचे। डॉक्टर स्मिता तिवारी ने उन सभी के साथ दुर्व्यवहार किया।
गोविंद ने बताया, “मैं और मेरी टीम के अन्य सदस्यों को देवीपुरा पहुँचने के लिए बाढ़ वाली सड़कों से गुज़रना पड़ा, हमने एक पोल की रस्सी से बाँध दिया ताकि लोग इसे पकड़कर आगे बढ़ सकें। इसी दौरान हमे बच्ची और उसकी माँ के घर में फँसे होने की सूचना मिली।"
सिद्दिकी ने शिकायत में कहा था कि कल रात तकरीबन 10 बजे उसका बेटा अपने दोस्त के साथ बाजार गया था। इसी दौरान दो मोटरसाइकिल पर सवार 6 लोगों ने उन्हें रोका और जय श्री राम बोलने को मजबूर किया। मना करने पर उनलोगों ने मारपीट की।
महिला के मुताबिक शनिवार को वह खरीददारी करने बाजार गई थी, लेकिन जब घर लौटी तो सामने वाले कमरे में उसे कोई नहीं दिखा। उसने दूसरे कमरे में जाकर देखा तो वहाँ उसका शौहर बेटी के साथ दुष्कर्म कर रहा था।
भाजपा सदस्यों को ग़ुलाम फ़रीद शेख की जालसाज़ी के बारे में 24 जुलाई को पता चला, जब उसने इमरान खान, आसाराम बापू और राम रहीम की तस्वीरों वाले कार्ड को भाजपा का प्राइमरी सदस्य बताते हुए सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया।
महिला के मुताबिक ससुरालवाले उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करते थे। पति ने रिक्शा खरीदने के लिए 40 हजार रुपए दहेज में लाने को कहा था। पैसा नहीं मिलने पर पति ने जान से मारने की धमकी दी और तीन तलाक देकर उसे घर से निकाल दिया।
दुकानदार का कहना है कि उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है। वह अपने बच्चों का स्कूल फी देने में भी सक्षम नहीं है। यदि उसे बकाया पैसा नहीं मिला तो वह कॉन्ग्रेस विधायक के घर के बाहर परिवार के साथ उपवास पर बैठ जाएगा।
मध्य प्रदेश ने विस्थापितों का मुद्दा पहली बार गत 27 मई को ही उठाया था। उस समय मध्य प्रदेश सरकार का कहना था कि 6000 से ज्यादा लोगों का पुनर्वास अभी लंबित है।