असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने विधानसभा में गरते हुए कहा, "मेरी बात ध्यान से सुनो, जब तक मैं जीवित हूँ, मैं असम में बाल विवाह नहीं होने दूँगा।"
कई बार महिला को अपने शौहर से पीछा छुड़ाने के लिए उसे अपनी संपत्ति का हिस्सा भी देना पड़ता है। इसे मेहर की रकम के तौर पर भी देखा जाता है, जिसमें शौहर को भुगतान करना पड़ता है।