Friday, May 3, 2024
Homeदेश-समाजमुस्लिम कर सकते हैं 4 निकाह, लेकिन हर बीवी का रखना होगा ख्याल: हाई...

मुस्लिम कर सकते हैं 4 निकाह, लेकिन हर बीवी का रखना होगा ख्याल: हाई कोर्ट ने इस्लामी कानून का दिया हवाला, कहा- शौहर नहीं कर सकता भेदभाव

मद्रास हाई कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करने के दौरान कहा है कि मुस्लिम पुरुष बिना किसी समस्या के चार निकाह कर सकता है लेकिन उसे सभी बीबियों का बराबर ख्याल रखना पड़ेगा। मद्रास हाईकोर्ट ने इसके पीछे इस्लामी कानून का आधार दिया है।

मद्रास हाई कोर्ट ने इस्लामी कानून को आधार बताकर एक मामले की सुनवाई करने के दौरान कहा है कि मुस्लिम पुरुष बिना किसी समस्या के चार निकाह कर सकता है लेकिन उसे सभी बीवियों का बराबर ख्याल रखना पड़ेगा।

मद्रास हाई कोर्ट ने निकाह को लेकर यह टिप्पणी हाल ही में एक मुकदमे की सुनवाई में की। यह मुकदमा एक मुस्लिम महिला ने अपने शौहर के खिलाफ दायर किया था। महिला का कहना था कि उसके शौहर और उसके परिवार वालों ने उसको प्रताड़ित किया।

महिला के अनुसार, उसके शौहर के परिवार वाले उसके गर्भवती होने के दौरान उसे ऐसा खाना देते थे जो कि उसे पसंद नहीं था और सही से साड़ी ना बाँधने के लिए भी परेशान करते थे। साथ ही जब महिला का गर्भपात हो गया तो उसे इस बात के लिए भी प्रताड़ित किया गया कि उसके कोई बच्चा नहीं है।

महिला ने यह भी कहा कि इसके बाद जब वह अत्याचार नहीं सहन कर पाई तो वह अपने मायके चली गई। उसके शौहर ने उसे दूसरे निकाह की धमकी दी। महिला ने दावा किया कि उसका शौहर एक दूसरी महिला के साथ रह भी रहा है। उसे इस मामले में न्याय दिया जाए।

कोर्ट में बात पहुँचने के बाद जहाँ महिला के शौहर ने उसके सभी आरोपों से इनकार किया। वहीं कोर्ट ने इस मामले में कहा कि उसका शौहर उसके साथ गलत कर रहा था। उसने अपनी पहली और दूसरी बीवी के साथ समान व्यवहार नहीं किया।

हाई कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जज RMT टीका रमन और और पीबी बालाजी ने की। बेंच ने मुस्लिमों में बहुविवाह का हवाला देते हुए कहा, “उसने पहली और दूसरी बीवी को इस्लामिक कानून के अंतर्गत समान तरीके से नहीं रखा। इस्लामिक कानून के अंतर्गत मुस्लिमों को एक से अधिक निकाह करने की इजाजत है लेकिन उन्हें सभी बीवियों को बराबर रखना पड़ेगा।”

कोर्ट ने यह भी माना कि शौहर ने अपनी पहली पत्नी के साथ कई क्रूरताएँ की है। कोर्ट का कहना था कि भले ही उसकी पहली बीवी मायके में रह रही थी लेकिन उसे उसका ख्याल रखना था। अगर दोनों के बीच बात नहीं बनती तो उसे तलाक देना चाहिए था लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। ऐसे में वह अपने कर्तव्यों में फेल हुआ है।

हाई कोर्ट ने इसी के साथ निचली अदालत के फैसले को मान्यता दे दी। निचली अदालत ने निकाह खत्म करने की बात कही थी। हाई कोर्ट ने इसे सही निर्णय बताया और कहा कि किसी भी तरीके से निकाह में हस्तक्षेप नहीं है।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

शहजादा अमेठी से इतना डरा हुआ है कि रायबरेली भाग गया, उनकी नेता राजस्थान भागी, अरे डरो मत-भागो मत: पीएम मोदी का गाँधी परिवार...

पीएम मोदी ने कहा कि शहजादा राहुल गाँधी अमेठी में हार के डर से रायबरेली चुनाव लड़ने गए, सोनिया गाँधी राजस्थान से राज्यसभा गईं।

जिस रोहित वेमुला के नाम पर इकोसिस्टम ने काटा था बवाल, वह दलित नहीं था: रिपोर्ट में बताया- पोल खुलने के डर से किया...

हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला की आत्महत्या के मामले में तेलंगाना पुलिस ने बताया है कि वह दलित नहीं था।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -