दिल्ली की पटियालाा हाउस कोर्ट ने मुकेश समेत चार दोषियों को फाँसी देने के लिए 22 जनवरी का डेथ वॉरंट जारी किया था। हालाँकि, मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास लंबित होने के कारण बृहस्पतिवार को कोर्ट ने कहा कि 22 जनवरी को फाँसी नहीं दी जा सकती है।
24 वर्षीय पीड़िता के घर में रात के वक्त मकान मालिक मोहम्मद कलाम 4-5 लोगों के साथ घुस आया और किराया मॉंगने लगा। किराया नहीं मिलने पर पीड़िता के पति को एक कमरे में बंद कर दिया। फिर महिला के साथ बलात्कार किया और उसके गहने छीनकर ले गए।
बेटी के लिए इंसाफ की गुहार लगाते हुए एक मॉं ने केजरीवाल से लेकर आप के तमाम नेताओं तक गुहार लगाई। कहा- आपराधिक पृष्ठभूमि वाले को समर्थन न दें। लेकिन, उसकी किसी ने नहीं सुनी। अब निराश मॉं दे रही आत्मदाह की धमकी।
दिल्ली सरकार की तरफ़ से इस मामले में राहुल मेहरा जिरह कर रहे हैं। मेहरा ने अदालत में बताया कि निर्भया के गुनहगारों को 22 जनवरी की तय तारीख़ पर फाँसी नहीं दी जा सकती। उन्होंने कारण बताते हुए कहा कि......
आरोपित अजमल ने चाची-भतीजी से जान-पहचान करने के लिए छद्म हिन्दू नाम का सहारा लिया। उसने उन दोनों को अपना नाम आशीष दुबे बताया। उसने शादी का झाँसा देकर महिला के साथ बलात्कार किया और उसे फ़िल्मा लिया। इसी रिकॉर्डिंग का खौफ दिखा कर भतीजी के साथ भी...
इतने विभत्स अपराध के बावजूद हुसैन को बच्ची के साथ बलात्कार का दोषी नहीं, बल्कि बाल यौन शोषण अपराध का दोषी ठहराया गया। और उसे सजा कितनी मिली? सिर्फ 75 घंटों के लिए समाज सेवा करने का आदेश! रेप पीड़िता के साथ यह कैसा न्याय?
देश में बलात्कार की कुल 33,356 घटनाएँ दर्ज की गई। इनमें से करीब 16 फीसदी मध्य प्रदेश में हुई। राज्य में बलात्कार का शिकार होने वाली लड़कियों में 2,841 की उम्र 18 साल से कम थी।
190 लोगों को निशाना बनाकर 159 यौन अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधी की पहचान सार्वजनिक कर दी गई है। रिनहार्ड को अदालत ने चार अलग-अलग मुक़दमों में 136 बलात्कार, 8 बलात्कारों की कोशिश और 14 अन्य यौन अपराधों का दोषी पाया है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। 5 अगस्त से ही नियमित सुनवाई शुरू कर दी गई थी। सुनवाई बंद कमरे में हो रही थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के 9 गवाहों के बीच जिरह हुई।