बीजेपी ने इस कानून को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम का जवाब देने के लिए घर-घर पहुॅंचने का फैसला किया है। बिल के समर्थन में 250 स्थानों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी।
संशोधित नागरिकता क़ानून के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन के नाम पर मजहबी उन्माद फैलाने की साज़िश रची जा रही है। यहाँ तक कि मस्जिदों से घोषणा की गई ताकि उपद्रवी सड़क पर उतर कर हिंसा करें। इन घोषणाओं का परिणाम क्या हुआ, ये दिल्ली ने भुगता और पूरे देश ने देखा। खुद एक प्रदर्शनकारी ने...
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद केस को लखनऊ से दिल्ली ट्रांसफर किया गया था। 5 अगस्त से ही नियमित सुनवाई शुरू कर दी गई थी। सुनवाई बंद कमरे में हो रही थी। इस दौरान अभियोजन पक्ष के 13 गवाहों और बचाव पक्ष के 9 गवाहों के बीच जिरह हुई।
"JDU द्वारा कैब को समर्थन देख निराश हुआ। यह विधेयक नागरिकता के अधिकार से धर्म के आधार पर भेदभाव करता है। यह हमारी पार्टी के संविधान से मेल नहीं खाता, जिसमें पहले पन्ने पर ही धर्मनिरपेक्ष शब्द तीन बार आता है। पार्टी का नेतृत्व गाँधी के सिद्धांतों को मानने वाला है।"
इस बिल पर शिवसेना का रुख जानना इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि महाराष्ट्र में कॉन्ग्रेस और एनसीपी के साथ सरकार बनाने के बाद से ही सबकी नजर उनके फैसले पर टिकी थी। एक साल पहले जब ये विधेयक लोकसभा में पेश हुआ था, तब शिवसेना ने पूरी तरह से...
कर्नाटक में भाजपा को 6 सीटें चाहिए थीं लेकिन पार्टी 12 जीत रही है। शाह शायद अब डबल का आँकड़ा लेकर चल रहे हैं। डीके शिवकुमार नए 'चाणक्य' बनते-बनते रह गए। कुमारस्वामी और देवगौड़ा तो रो कर दर्द कम कर लेंगे, मुंबई की तिकड़ी का क्या होगा अब? मोदी ने जवाब दे दिया है।
CAB पास होने के बाद बांग्लादेश, अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान से आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को 'अवैध इमिग्रेंट' नहीं माना जाएगा। उन्हें भारत का नागरिक बनाने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।
शिवसेना ने 'सामना' के जरिए पूछा कि क्या भारत में पहले से समस्याओं की कमी थी जो CAB के रूप में एक नई समस्या खड़ी कर दी गई है? शिवसेना ने दावा किया कि उत्तर-पूर्वी राज्यों के अलावा बिहार में भी इस विधेयक का विरोध हो रहा है, जहाँ भाजपा सत्ता में है।
कुछ लोग इस मत के हैं कि टीपू के शासन की असलियतें जैसे हिन्दुओं को हाथियों के पैरों से बाँध कर मारना आदि, पाठ्यक्रम में शामिल कर इस्लामी शासन की पोल खोली जाए।
कश्मीर पर अफवाह फैलाने में शेहला रशीद पुरानी उस्ताद रही हैं। वे ट्ववीट कर सेना पर कश्मीरियों को प्रताड़ित करने का आरोप तक लगा चुकी हैं। सेना ने उस वक्त कहा था कि लोगों को भड़काने के लिए असामाजिक तत्व और संगठन फर्जी खबरें फैला रहे हैं।