रवीश ने कही, इमरान ने सुनी। रवीश की सलाह इमरान ने मानी। अब इमरान ख़ान न अख़बार पढ़ेंगे और न ही टीवी देखेंगे। उन्होंने न्यूज़ शो देखना बंद कर दिया है। रवीश लगातार अपने 'प्राइम टाइम' में कहते हैं कि टीवी न देखें और अख़बार न पढ़ें। उन्हीं अख़बारों की ख़बर वो शेयर भी करते हैं।
"अगर कॉन्ग्रेस में शीर्ष नेताओं को कोई अन्य राजनेता उनकी कुर्सी के लिए खतरा लगता है, तो वे उसे दबा देते हैं। कॉन्ग्रेस में बहुत से अच्छे नेता हैं, जिन्हें मैं बहुत अच्छे से जानता हूँ। लेकिन अगर मैंने उनका नाम सार्वजनिक तौर पर लिया तो पार्टी में उन्हें दबा दिया जाएगा।"
शुरू में रवीश जी कह रहे थे कि पुलिस केस क्यों नहीं दर्ज कर रही, पुलिस दोषियों को पकड़ क्यों नहीं कर रही है? और जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा है तो रवीश जी ने लंबे-लंबे प्रपंची पोस्ट लिखे हैं।
इस पत्रकार को इमरान खान ने 'Indian Sickulars' ग्रुप से लात मार बाहर कर दिया है। एनडीटीवी ने भी उसे बाहर करने का फैसला किया है। बरखा दत्त जैसे ग्रुप एडमिन्स ने भी माना है कि जब सवाल पाकिस्तान को ख़ुश करने का हो तो फेक न्यूज़ से बचना चाहिए।
इन 10 चेहरों को देख लीजिए। इन्होंने 2019 में नकारात्मकता, जातिवाद, डर और तानाशाही का कारोबार किया है। ऑपइंडिया लेकर आया है उन 10 लोगों के नाम, जिन्होंने पूरे 2019 में केवल बुरे कारणों से ही सुर्खियाँ बनाईं। कइयों को जनता ने इस साल करारा सबक सिखाया।