अधिकारियों ने बताया कि निजी क्षेत्र में आरक्षण दिए जाने की व्यवहारिकता, स्वीकार्यता, संभावनाओं और प्रभावों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। सरकार इसके लिए व्यापार जगत से बातचीत करेगी और उनकी प्रतिक्रिया आते ही इसे मूर्त रूप दिया जाएगा।
पीड़िता को अगवा कर आरोपी बिशनगिरी गाँव ले गए, जहाँ उसके साथ रेप किया गया। कुछ लोगों ने महिला के चिल्लाने की आवाज सुनी तो वे घटनास्थल पर पहुँचे। गाँव के लोगों ने दो को पकड़ लिया, जबकि तीसरा आरोपित भाग निकलने में कामयाब हो गया।
“मेरे पीछे कई दिनों से गुंडा तत्व लगे हुए हैं। कई बार मुझे धमकाते हैं, तो कई बार मेरी गाड़ी के आगे-पीछे गाड़ी लगाकर धमकाते हैं। कई बार तो मेरी गाड़ी के आगे-पीछे गाड़ी लगाकर डराने का प्रयास करते हैं। इन गुंडा तत्वों को टीकाराम जूली का संरक्षण प्राप्त है।”
बिहार में संजय जायसवाल को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से लगता है कि भाजपा गठबंधन साधने के प्रयास में है। वहीं राजस्थान में सतीश पूनिया को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से साफ़ ज़ाहिर है कि अब पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पहले की तरह निर्णायक की भूमिका में नहीं रह गई हैं।
भीड़ ने नशे में घटनास्थल पर एक मामला सुलझाने पहुँचे दो पुलिसकर्मियों की जमकर धुनाई कर डाली। ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिसकर्मी शराब के नशे में एक पारिवारिक विवाद का निपटारा करने आए थे। फ़िलहाल दोनों घायल पुलिसकर्मियों का अलवर के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
घटनास्थल से चूड़ियों के टुकड़े, शराब की बोटल और खून के निशाने मिले हैं। लड़की के कपड़ों को भी बरामद कर लिया गया और लड़की का मेडिकल चेकअप करवाया गया है, जिसमें लड़की के शरीर पर हर जगह खरोंच के निशान हैं।
पायलट का ये बयान उस समय आया है जब विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया एक दिन पहले ही उनकी सरकार द्वारा कानून व्यवस्था को लेकर बनाई खराब नीतियों और राज्य भर में हो रही घटनाओं पर उन्हें घेर चुके हैं।
कटनी में एक आरएसएस प्रचारक को पुलिसकर्मियों ने जमकर पीटा और उनके कपड़े फाड़ दिए। घटना से नाराज बीजेपी के कार्यकर्ता थाने में धरने पर बैठ गए। मामले के तूल पकड़ने के बाद आरोपित थाना प्रभारी लाइन हाजिर कर दिए गए हैं।
"मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट का स्पष्ट कहना है कि कॉन्ग्रेस कार्यकर्ताओं को बहुत प्रताड़ित किया गया है। उनको न्याय मिलना चाहिए। इसलिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि कॉन्ग्रेस के कार्यकर्ताओं की ट्रांसफर पोस्टिंग का अच्छे से ख्याल रखा जाए।"
घर-घर अखबार पहुँचा कर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले मन्नूलाल वैष्णव को यह नहीं पता था कि एक दिन इन्हीं अखबारों में उनकी हत्या की खबर छपेगी! हत्या वो भी उस रफीक खान (इंसान या हैवान!) के द्वारा जो इन्हीं के लाए अखबारों को पढ़ता जरूर था लेकिन पैसे देने के नाम पर नजरें चढ़ाता था।