12 वर्षीय बच्चे बाजी राउत को अंग्रेज सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने (बच्चे) नदी पार करने के उनके (ब्रिटिश) हुक़्म को मानने से इनकार कर दिया था।
दिलीप सी मंडल ने आरोप लगाया था कि ट्विटर दलितों को ब्लू टिक नहीं देता है। इसके बाद कथित दलित कार्यकर्ता और वामपंथी गिरोह सक्रिय हो गया और मंडल जी को ब्लू टिक मिल गया। अब इसी नुस्खे के साथ शाहिद सिद्दीकी ब्लू टिक मॉंग रहे हैं।
ग्रुप में कई आपत्तिजनक मैसेज डाले गए थे। बाबरी ढाँचे के फोटो के साथ उर्दू में मैसेज लिख कर शेयर किया जा रहा है। अंग्रेजी में भी भड़काऊ बातें लिख कर शेयर की जा रही थीं। अकबर उस ग्रुप का एडमिन था। इस ग्रुप में पाकिस्तानी भी शामिल थे।
पुलिस विभाग की सोशल मीडिया निगरानी शाखा ने रविवार को 22 मुक़दमे दर्ज किए और 40 लोगों को हिरासत में लिया। एडीजी लखनऊ जोन पीवी रामाशास्त्री के मुताबिक, शनिवार देर रात तक ही 37 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
चिंता का विषय यह है कि इन लोगों ने उन छात्रों को भी शिक्षित किया जो भविष्य में सैकड़ों लोगों को शिक्षित करेंगे। यह हमारी शिक्षा की स्थिति की एक भयानक तस्वीर को उजागर करता है। इससे यह बात भी स्पष्ट हो जाती है कि वर्तमान सरकार को प्राथमिकता के आधार पर छात्रों को पढ़ाए जाने वाले इतिहास के पाठ्यक्रम में संशोधन की आवश्यकता क्यों है?
कविता कृष्णन ने आरोपों की झड़ी लगा दी। उन्होंने लिखा कि ध्रुव राठी कभी अपनी आलोचना को स्वीकार नहीं करता है। बकौल कविता कृष्णन, स्वस्थ आलोचना को नज़रअंदाज़ करने वाला ध्रुव कभी इस बात को नहीं समझता कि उसे काफ़ी कुछ सीखने की ज़रूरत है।
“कैफू भैया इंडिया में सिर्फ कुछ तबक़ों ने माहौल बिगाड़ दिया है वरना इंडिया जैसे हिंदू बहुसंख्यक देश में कैफ और जहीर खान जैसे क्रिकेटर हीरो के श्रेणी में आते हैं और शाहरुख, सलमान और आमिर खान सुपरस्टार हैं। ये एक पूरे हिंदुस्तानी का प्यार है। बाकी आपका मैसेज बहुत ही अच्छा है।”
चार्ल्स ने एक माह पूर्व फेसबुक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक डॉक्टर्ड तस्वीर डाली थी। जिसे अगले दिन देखते ही भाजपा पदाधिकारी नांजिल राजा ने उनके ख़िलाफ़ वाडसरी पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई।
ख़ुद को रवीश का फैन बताने वाला अरुण पुलिस के डर से ट्विटर छोड़ कर भाग खड़ा हुआ, क्योंकि उसकी सारी करतूतें एक-एक कर के सामने आ रही थीं और लोग दिल्ली पुलिस को टैग कर के उस पर कार्रवाई की माँग कर रहे थे।
कुछ सोशल मीडिया यूज़रों ने रिपोर्ट करने की प्रक्रिया भी स्टेप बाई स्टेप बतानी शुरू कर दी है। सलाह दी है कि रिपोर्ट करते समय कैटेगरी में 'अब्यूसिव ऑर हार्मफुल कंटेंट' रखा जाए।