Sunday, April 27, 2025
Homeदेश-समाजसिर में संगीन, सीने पर गोली खाकर जो हुआ शहीद... बाल दिवस पर सबसे...

सिर में संगीन, सीने पर गोली खाकर जो हुआ शहीद… बाल दिवस पर सबसे छोटे स्वतंत्रता सेनानी को सलाम

"एक सैनिक ने अपने संगीन को बाजी की नरम खोपड़ी में घुसा दिया। जबकि एक अन्य ब्रिटिश सैनिक ने बेरहमी से गोली मार दी।"

पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने गुरुवार (14 नवंबर) को बाल दिवस के अवसर पर भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों में से सबसे कम उम्र के सेनानी की फ़ोटो शेयर की है। उन्होंने एक 12 वर्षीय बच्चे बाजी राउत की फ़ोटो शेयर की, जिनकी ब्रिटिश सैनिकों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। वो भी सिर्फ इसलिए क्योंकि उन्होंने (बच्चे) नदी पार करने के उनके (ब्रिटिश) हुक़्म को मानने से इनकार कर दिया था।

वीरेंद्र सहवाग ने 1938 में बाजी राउत की हत्या के बारे में बताते हुए लिखा, “12 साल की उम्र में, यह युवा लड़का एक देशी नाव पर सवार था और ब्राह्मणी नदी के पार जाने के लिए ब्रिटिश टुकड़ी ने उन्हें आदेश दिया था।”

पूर्व क्रिकेटर ने लिखा कि बाजी, जिन्होंने पहले ही अंग्रेजी सैनिकों की क्रूरता का विवरण सुना रखा था कि कैसे उन्होंने गाँव में निर्दोष लोगों की हत्या कर दी थी। इसलिए उन्होंने ब्रिटिश सैनिकों के आदेश (नदी पार कराने) की अवहेलना की।

इसके आगे उन्होंने लिखा कि आदेश की अवहेलना के बाद बच्चे के सिर पर एक बंदूक रखी गई और गोली मार दी गई, जिसके परिणामस्वरूप उनकी मौत हो गई। वीरेंद्र सहवाग का वर्णन के अनुसार, “एक सैनिक ने अपने संगीन को बाजी की नरम खोपड़ी में घुसा दिया। जबकि एक अन्य ब्रिटिश सैनिक ने बेरहमी से गोली मार दी।”

बाजी राउत का जन्म 5 अक्टूबर, 1926 को ओडिशा के धेनकनाल ज़िले के नीलकंठपुर गाँव में एक गरीब खंडायत परिवार में हुआ था। ओडिशा सरकार की वेबसाइट के अनुसार, उन्होंने अपने पिता को कम उम्र में ही खो दिया था और माँ ने अलग-अलग घरों में काम करके उस मासूम बच्चे की परवरिश की थी।

पिछले महीने युवा स्वतंत्रता सेनानी की जयंती पर, ओडिशा के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने मासूम बच्चे को श्रद्धाजंलि देते हुए समुद्र तट पर रेत की कलाकृति बनाई। पटनायक ने ट्वीट किया, “साहस, निस्वार्थता और वीरता की उसकी कहानी को हर बच्चे को जानना चाहिए। सुपरहीरो।”

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

पहलगाम हमले के बाद युनूस सरकार के कानूनी सलाहकार ने लश्कर के कर्ताधर्ता हारुन इजहार से की मुलाकात, कई आतंकी हमलों में वांछित आतंकी...

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के कानूनी सलाहकार डॉ. आसिफ नजरूल ने पहलगाम हमले के ठीक एक दिन बाद लश्कर के बड़े आतंकी हारुन इजहार से मुलाकात की।

कौन कहता है आतंकियों का नहीं होता मजहब, एक-एक कर पढ़िए ये 14 नाम: सारे कश्मीर के, सारे मुस्लिम

पहलगाम हमले में शामिल पाँच आतंकियों की पहचान पहले ही हो चुकी है, जिनमें तीन पाकिस्तानी आतंकी आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा और दो स्थानीय आतंकी आदिल गुरी और अहसन शामिल हैं।
- विज्ञापन -