भाजपा के कार्यकर्ताओं ने त्रिची के सरकारी अस्पताल के बाहर हत्या के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन करते हुए आरोपितों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने की माँग की। हालाँकि, पुलिस के आश्वासन पर आंदोलनकारियों ने विरोध-प्रदर्शन वापस ले लिया।
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की वकील को हडकाते हुए ये भी कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का कोई फैसला दिखाएँ, जिसमें जेल के अच्छे आचरण के कारण फाँसी की सज़ा को कम किया गया हो।
7 लोगों की हत्या का आदेश देना बाला बुढ जब शेखी बघार रहा था, तब डीसी और एसपी उसके सामने झुक कर खड़े थे। उसने कहा- "ये सातों मारे गए लोग उत्पाती थे। हमें पाँच बंदूकें और दे दो, फिर खेल देखो।"
इससे पहले, 15 नवंबर 2019 को नाका के खुर्शीदाबाद स्थित पार्टी दफ़्तर पर उर्दू में लिखा धमकीभरा पत्र उन्हें पहले भी मिल चुका है। इस पत्र में पार्टी के महासचिव समेत अन्य हस्तियों को भी कमलेश तिवारी की तरह मार देने की धमकी दी गई थी।
ग्रामसभा में 9 लोगों को मौत की सजा सुनाई गई। दो गायब हो गए। शेष 7 को बंधक बनाकर पीटा। फिर जंगल में ले जाकर हाथ-पैर बॉंध कर सिर कलम कर दिया। सभी शव बरामद करने में पुलिस को 21 घंटे लग गए।
अब्दुल शमीम और तौफिक की प्लानिंग सब-इंस्पेक्टर विल्सन की हत्या तक सीमित नहीं थी। इन दोनों ने 26 जनवरी को आत्मघाती हमले की योजना भी बना रखी थी। तमिलनाडु सरकार ने इनके व्यापक इस्लामी मॉड्यूल को देखते हुए केस की जाँच NIA से कराने की सिफारिश की है।
बच्ची मदरसे से नहीं लौटी तो घरवालों ने उसकी तलाश शुरू की। मस्जिदों से उसकी गुमशुदगी की घोषणा भी की गई। बाद में बच्ची को तलाब से निकाला गया तो उसकी जान जा चुकी थी।
घटना झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले के गुदड़ी की है। पत्थलगढ़ी समर्थकों ने इसका विरोध करने वाले बुरुगुलीकेरा ग्राम पंचायत के उपमुखिया समेत सात ग्रामीणों की हत्या कर दी। पत्थलगड़ी समर्थक इन्हें अगवा कर जंगल में ले गए फिर बेरहमी से हत्या कर दी।
जान से ज्यादा प्यार का वादा किया, फिर लव मैरिज के बाद निकाह। 3 महीने पहले बेटी भी हुई लेकिन... ऑनलाइन फूड डिलीवरी का काम करने वाले अयाज अहमद को हिंदू बीवी के द्वारा सोशल मीडिया पर फोटो और वीडियो शेयर करने से जलन होने लगी। इसलिए रास्ते से हटाने के लिए प्लान के तहत...
बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित शेल्टर होम में कई लड़कियों का कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मामला सामने आया था। इसके बाद मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी गई थी।