फालतू डिस्क्लेमर डाल कर पौराणिक पात्रों का मजाक बनाने वाला 'न्यूजलॉन्ड्री' क्या इस्लाम, जन्नत, 72 हूरों और दारू की नदी पर व्यंग्य करेगा? यहाँ तो तथ्य कहने पर 'सर तन से जुदा' हो जाता है, सोचिए व्यंग्य पर क्या होगा।
SP अभिजीत बनर्जी ने कहा कि भाषा समझ में न आने के कारण कुछ ग़लतफ़हमी हुई और उन महिलाओं को ऐसा लगा कि ये साधु उनका पीछा कर रहे हैं। TMC कह रही - अपहरण कर रहे थे साधु।