Friday, October 18, 2024

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इस्लामी आतंक

देवेंदर के बहाने सेना पर सवाल, आतंकी बेगुनाह? अजीत भारती का वीडियो | Ravish’s CAA tune, Questions security forces

तो क्या आप एक देवेंदर सिंह, जो कि सिख हैं, के नाम पर तमाम उदाहरण को झूठला देंगे कि इस्लामी आतंक दुनिया या इस देश में नहीं है।

पेट्रोल बम फेंको, नौकरी पाओ योजना: ‘ये लोग’ दंगाइयों को पालते रहेंगे, हिंदू सोता रहेगा

आपके पास विकल्प दो ही हैं: डर कर रहिए या सवाल पूछना शुरू कीजिए। सवाल नहीं पूछेंगे कि तुम्हें 'हिन्दुत्व' को फक करने का विचार क्यों आता है, तो ये कल आपकी बहू-बेटियों को छेड़ने से भी नहीं हिचकिचाएँगे। अगर कोई ‘हिन्दुओं से आजादी', ‘हिन्दुत्व की कब्र खुदेगी', 'फक हिन्दुत्व' बोल कर और लिख कर खुले आम टहल रहा है, तो...

पाकिस्तान में आतंकियों की हो रही ऑनलाइन भर्ती, अमेरिकी रिपोर्ट में हुआ खुलासा

"सोशल मीडिया और व्हाट्सएप जैसे मैसेजिंग एप के ज़रिए लोगों को आतंकवादी बनाने को लेकर काम तेज़ी से चल रहा है। इस सम्बन्ध में भारतीय अधिकारियों ने वैश्विक सोशल मीडिया कम्पनियों के प्रतिनिधियों से भी मुलाक़ात की है।"

हिन्दुओ! भारत में समुदाय विशेष वाला कानून आ गया है, इन्तज़ार खत्म हुआ

चूँकि भाषाई बाध्यता है कि इस नृशंस हत्या का जश्न मनाने वाले जिहादी मानसिकता के मुसलमानों को आप एक स्तर तक ही कुछ कह सकते हैं वरना इनकी परवरिश तो नाली के कीचड़ में मिली विष्ठा में लोटते उस जीव की तरह ही है जिसका नाम लेना मैं चाहता नहीं।

आतंक का एक मजहब है: एक ने स्वीकारा, आप भी स्वीकारिए

चाहे वो मोदी हों, मर्कल हों, मैक्राँ हों, जॉनसन हो या कोई वैसा राष्ट्र जो यह नहीं चाहता कि उसके किसी एयरपोर्ट पर, चर्च में, सड़क पर, पार्क में, मंदिर पर या बस-ट्रेन में बम फूटे, छुरा चले, ट्रकों से लोगों को रौंदा जाए, तो सबसे पहला काम तो वो यह करें कि एक स्वर में इस मुसीबत को उसके पूरे नाम से स्वीकारें कि हाँ, कट्टरपंथी आतंकवाद ने इन सारे देशों में दहशत फैलाई है, जानें ली है, परिवारों को तोड़ा है।

जब फ़्रांस ने कीमत चुकाई थी मक्का बचाने की…

4 साल पहले नवम्बर के महीने में इस्लामिक आतंकी हमला झेलकर फ्रांस ने 40 साल पहले मक्का की मस्जिद बचाने, और इसके अलावा अयातोल्ला खोमैनी को शरण देने की कीमत चुकाई थी।

तमिलनाडु में दहशत के ठिकानों पर छापा, NIA ने किया 3 संदिग्ध आतंकियों को किया गिरफ्तार

संदिग्ध आतंकियों के पास से 9 मोबाइल फ़ोन, 15 सिम कार्ड, 3 लैपटॉप, 5 हार्ड डिस्क, 7 मेमोरी कार्ड, 3 सीडी/डीवीडी, 2 टैबलेट और 6 पेन ड्राइव बरामद हुए हैं। इसके अलावा, काफी मात्रा में किताबें, मैगज़ीन, बैनर, पोस्टर, नोट्स भी जब्त किए गए हैं।

मजहबी नारे चिल्लाती, मंदिर तोड़ती भीड़ को मजहब बताने में शर्म क्यों आती है?

जब भीड़ की एक निश्चित पहचान है, और तुम्हें पता है कि ये भीड़ एक खास कम्यूनिटी या समुदाय विशेष की है, तो फिर उसके नामकरण में समस्या क्यों?

श्री लंका हमलावर और ज़ाकिर नायक का ‘फैन’ रियास केरल से गिरफ़्तार, आतंकी वारदात की कर रहा था तैयारी

वह श्री लंका हमले का साज़िशकर्ता ज़हराम हाशिम और इस्लामिक उपदेशक ज़ाकिर के वीडियो देखता था। वह भगोड़ा अब्दुल राशिद के ऑडियो क्लिप्स सुना करता था। वह आतंकी अब्दुल खयूम से भी ऑनलाइन चैट कर रहा था। वह अशफ़ाक़ मज़ीद से भी संपर्क में था।

स्वामी असीमानंद और कर्नल पुरोहित के बहाने: ‘सैफ्रन टेरर’ की याद में

कल दो घटनाएँ हुईं, और दोनों ही पर मीडिया का एक गिरोह चुप है। अगर यही बात उल्टी हो जाती तो अभी तक चुनावों के मौसम में होली की पूर्व संध्या पर देश को बताया जा रहा होता कि भगवा आतंकवाद कैसे काम करता है। चैनलों पर एनिमेशन और नाट्य रूपांतरण के ज़रिए बताया जाता कि कैसे एक हिन्दू ने ट्रेन में बम रखे और समुदाय विशेष को अपनी घृणा का शिकार बनाया।

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