विधायक की शपथ लेने के एक महीने के बाद भी उन्हें घर नहीं मिला है। उन्होंने बताया, "दो दिन पहले फुटपाथ पर सोने के दौरान उनका फोन चोरी हो गया, उनके निजी सचिव पर भी कुछ लोगों ने हमला किया।"
इस वीडियो को पुरी के एसपी ने ख़ुद ट्विटर पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “1200 वॉलिंटियर्स, 10 संगठनों और घंटों की मेहनत के बाद रथयात्रा 2019 के दौरान ऐम्बुलेंस की सरल संचालन के लिए ह्युमन कॉरिडोर बनाना संभव हो पाया।”
मरांडी के इन बयानों के बाद ओडिशा की जनता ने उनका जमकर विरोध किया है। हरिबलदेव मंदिर के पुजारी अरुण मिश्रा और कामेश्वर त्रिपाठी ने कहा है कि उन्हें इसकी सजा भगवान जगन्नाथ देंगे।
अजय बहादुर सिंह की कहानी भी जानने लायक है। उनके पिता इंजिनियर थे और उनकी इच्छा थी कि बेटा डॉक्टर बने। इसके लिए अजय जी-जान से जुट कर तैयारी भी कर रहे थे। लेकिन, अचानक से घर में विपत्ति आन पड़ी। अजय को चाय बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। लेकिन अपने सपने को नहीं मारे वो और...
मेहर ने कहा, “मुझे इस घटना के लिए खेद है, लेकिन मुझे जन आक्रोश के मद्देनजर इंजीनियर को उठक-बैठक करने के लिए कहने को मजबूर होना पड़ा। लोग सड़क निर्माण की गुणवत्ता खराब होने को लेकर नाराज थे। अगर मैंने उन्हें उठक-बैठक करने के लिए नहीं कहा होता, तो वे लोग इंजीनियर को नुकसान पहुँचा सकते थे।”
काले दिल वाले इन असुरों की दृष्टि श्री कृष्ण के रथ पर है। यह हिन्दुओं पर है कि वह असुरों को रथ का पहिया तोड़ देने देते हैं, या आसुरिक इरादों को ही रथयात्रा के नीचे कुचल देते हैं...
इसमें कोई संदेह नहीं है कि बीजेपी ने लोकसभा चुनाव 2019 में ओडिशा में जबरदस्त सफलता पाई है। संसदीय सीटों में 8 गुना वृद्धि और विधानसभा चुनावों में दोगुने से अधिक लाभ प्राप्त किया है। दोनों चुनावों में वोट शेयर भी लगभग दोगुना है।
नीलगिरि के गोपीनाथपुर में जन्मे सारंगी बचपन से आध्यात्मिक हैं और रामकृष्ण मठ में साधु बनना चाहते थे। मठ ने उन्हें उनकी विधवा माँ की सेवा करने का सुझाव दिया। सारंगी ने बालासोर और मयूरभंज के आदिवासी इलाकों में कई स्कूल बनवाए हैं।
अमर पटनायक ने कहा कि उनकी पार्टी उस दल या गठबंधन को समर्थन दे सकती है, जो केंद्र में सरकार बनाएगी और उनके राज्य की भलाई के लिए काम करेगी। उन्होंने कहा क वो उस पार्टी के साथ गठबंधन करेंगे, जो राज्य की पुरानी माँगों और विवादित मुद्दों को निपटाएगी।