अंग्रेजों ने बनाए कुछ मुस्लिम नेता, जिन्होंने 'काफिर राजा' के विरुद्ध कुरान का हवाला देकर मुस्लिमों को भड़काया। फिर संगठित ढंग से हिन्दुओं का नरसंहार हुआ और उनकी दुकानें-घर लूट लिए गए। अंततः 'बुद्धिजीवियों' ने इस इस्लामी दंगे को 'सामंती राजा के खिलाफ जनता का विद्रोह' बता कर दंगाइयों को श्रद्धांजलि देनी शुरू कर दी।