एएनआई के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में शनिवार (मई 25, 2019) को कॉन्ग्रेस वर्किंग कमिटी की बैठक होगी। जिसमें पार्टी की हार की वजहों पर चर्चा करने करने के साथ ही कॉन्ग्रेस अध्यक्ष पद को लेकर किसी बड़े फैसले की भी उम्मीद की जा रही है।
रतन सिंह ठाकुर अपने दोस्तों के साथ मतगणना केंद्र पर पहुँचे थे। नतीजे देखते हुए वो गश खाकर कुर्सियों पर गिर पड़े। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
तमाम EVM हैकिंग से लेकर डर के माहौल के बीच अन्य कई प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों के अरमानों का शीघ्रपतन देखने को मिला है। इस प्रकार बड़े ही दुःख के साथ यह सूचित करना पड़ रहा है कि देश ने एकसाथ आज लगभग 22 प्रधानमंत्री खो दिए हैं।
भाजपा कभी भी 200 का आँकड़ा नहीं छू पाएगी और बीजेपी इस वक्त बौखलाई हुई है। इसीलिए वो एग्जिट पोल को अपने पक्ष में दिखाने के लिए सेटिंग कर रही है, ताकि छोटे-मोटे दल उनके साथ खड़े हो सकें।
MLA के. सुधाकर ने कहा कि जेडी (एस) के साथ गठबंधन एक "अपवित्र गठबंधन" था और कॉन्ग्रेस ने केवल 37 विधायकों के साथ पार्टी को सब कुछ दे दिया। उन्होंने गठबंधन को नैतिक रूप से ग़लत बताया।
कॉन्ग्रेस के निष्ठावान राजदीप सरदेसाई ने भी एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद ईवीएम फ़र्जीवाड़े की झूठी ख़बर उठाने के लिए विपक्षी नेताओं की खिंचाई की थी। राजदीप ने तर्क दिया था कि विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं और विशुद्ध रूप से राजनीतिक कारणों से बनाए गए हैं।
राहुल गाँधी के होते हुए भी कॉन्ग्रेस को सस्ते कॉमेडियंस आउटसोर्स करने पड़े ये बात चौंका देने वाली थी। गोदी मीडिया ने जब राहुल गाँधी से इस बारे में सवाल किया, तो उनका जवाब था, “देखिए भाई साहब, मैं फ्रेंक्ली कहता हूँ, आप लिख के ले लीजिए, मैं कॉमेडियंस के साथ पूरा न्याय करूँगा।
अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग पर सिर्फ एक ही पार्टी का पक्ष लेने का आरोप लगाया और कहा कि यह संवैधानिक संस्था के लिए काला दिन है। उन्होंने कहा कि यदि एक ही पक्ष की सुनवाई करनी है तो फिर संस्था की स्वतंत्रता का क्या मतलब रह जाता है?
कॉन्ग्रेस जनादेश को EVM से छेड़छाड़ बताकर लगातार जनादेश का अपमान करती नजर आई। नतीजा ये रहा कि नालायक विपक्ष द्वारा तैयार किए गए फासिस्ट, भक्त, दलित पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों में डर का माहौल, EVM हैक, बिकी हुई मीडिया, कट्टर हिन्दू जैसे नैरेटिव नरेंद्र मोदी की छवि ख़राब करने के बजाए उन्हें महामानव बनाते चले गए।
इस समय भाजपा और मोदी की ‘लहर’ किस कदर चल रही है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कॉन्ग्रेस के द्वारा कराया गया एग्जिट पोल भी कह रहा है, “आएगा तो मोदी ही!” और इतने के बावजूद राहुल गाँधी एग्जिट पोल्स को फर्जी बता कर अपने समर्थकों को अंतिम ढाँढ़स बँधा रहे हैं।