कर्नाटक की भाजपा सांसद ने ट्वीट कर दावा किया था कि केरल कश्मीर में तब्दील होता जा रहा है। उन्होंने एक तस्वीर शेयर करते हुए कहा कि CAA का समर्थन करने के कारण कुट्टीपुरम के हिंदुओं को पानी देने से इनकार कर दिया गया।
"मुझे नौकरी से निकाल दिए जाने की खबर उन लोगों तक पहुँच गई, जो ऐसा चाहते थे। फिर वो लोग सोशल मीडिया पर जश्न मनाने लगे। मुझे रिजाइन करवा कर वास्तव में उस अस्पताल ने बहुत कुछ खोया है, जो पहले से ही कम स्टाफ की समस्या से गुजर रहा है।"
केरल के वज़ूर NSS कॉलेज में वामपंथी गुंडागर्दी और आतंक के लिए कुख्यात SFI ने ABVP कार्यकर्ताओं पर कायराना हमला किया है। वामपंथी गुट SFI की निरंतर चली आ रही ऐसी हरकतों की वजह से कैम्पस में लगातार माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है।
"अगर आप 2024 में भी दोबारा राहुल गाँधी को चुनने की गलती करेंगे तो आप नरेंद्र मोदी को फायदा पहुँचाएँगे। ‘खानदान की पाँचवीं पीढ़ी’ के राहुल गाँधी के पास भारतीय राजनीति में ‘कठोर परिश्रमी और खुद मुकाम बनाने वाले’ नरेंद्र मोदी के सामने कोई मौका नहीं है।"
"कई डॉक्टरों ने अराजक तत्वों के इस गिरोह के हमले का सामना किया है। ये लोग 'जिहादी' हैं। राष्ट्रीय मुद्दों पर आतंकवादियों के समर्थन करते हैं। इन्हें अफ़ज़ल गुरु, इशरत जहाँ का समर्थन करते और भारतीय सेना को गाली देते देखा-सुना जा सकता है।"
राजदीप ने गवर्नर आरिफ मोहम्मद खान को CAA के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए अपने शो में आमंत्रित किया था। इस दौरान उन्होंने रबर स्टाम्प बता गवर्नर को नीचा दिखाने की कोशिश की। जवाब में खान ने उनकी भाषा को अभद्र बताते हुए क्लास लगाई।
डॉ. विजयाहरि ने कट्टरपंथियों के कुछ संदेशों का स्क्रीनशॉट शेयर किया है। इसमें उन्हें बदनाम करने की धमकी दी गई है। साथ ही उन्हें सांप्रदायिक करार देते हुए कहा गया है कि वे सहानुभूति की उम्मीद न रखें।
इस मामले में कुछ लोगों ने यह दावा किया कि मंदिर में होने वाले अनुष्ठान में बाधा उत्पन्न करने या उन्हें नष्ट करने के लिए ख़ून का उपयोग किया गया। वहीं, पुलिस को जाँच में पता चला कि ख़ून से लिखा गया नाम इलाक़े के एक किशोर लड़के और लड़की का था।
केरल के सबसे बड़े चर्च ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि ईसाई लड़कियों को निशाना बनाकर उनकी हत्या हो रही। इस मामले में पुलिस पर भी सही तरीके से कार्रवाई नहीं करने का आरोप पादरियों ने लगाया है।
इंडिया टुडे ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए लिखा कि केंद्र ने केरल में बाढ़ पीड़ितों को राहत फंड देने में उन्हें राजनीतिक कारणों से नजरअंदाज किया है। इंडिया टुडे ने इस खबर को राजनीतिक रंग देते हुए केंद्र की दक्षिणपंथी भाजपा सरकार पर केरल की 'लेफ्ट' सरकार से बदले की भावना का इस्तेमाल करने के आरोप भी लगाए।