पिछले कई दिनों से फरार चल रहे देशद्रोह के आरोपित शाहीन बाग़ के सरगना शरजील इमाम को गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश किया, जहाँ से आरोपित शरजील को कोर्ट ने 5 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया। इसके बाद अब पुलिस दिल्ली क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी।
उसके चाचा अरशद इमाम ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए उनके भतीजे का इस्तेमाल किया जा रहा है। वहीं शरजील की अम्मी ने कहा है कि मेरा बेटा निर्दोष है। परिवार ने कहा कि उन्हें संविधान पर पूरा भरोसा है।
वीसी जगदीश कुमार ने कहा था कि सभी स्कूलों और केंद्रों ने अपना टाइम टेबल घोषित कर दिया है और वे उन छात्रों के लिए परीक्षा आयोजित करने पर काम कर रहे हैं, जो पिछला सेमेस्टर पास नहीं कर पाए थे। उन्होंने बताया था कि विश्वविद्यालय छात्रों के शैक्षणिक हितों को देखते हुए वह सभी कोशिशें कर रहा है जिससे कि छात्र अपनी पढ़ाई जारी रख सकें।
यह उस आज़ादी की माँग है। जिसकी एक झलक पिछले दिनों जामिया और जेएनयू में प्रदर्शनकारियों के हाथों में पकड़े पोस्टरों में दिखाई दी थी। इस आज़ादी की माँग को उन शिक्षकों ने दोहराया है, जिनके ऊपर विश्वविद्यालय के छात्रों को उज्ज्वल भविष्य की राह दिखाने की ज़िम्मेदारी है।
BHU के कुलपति राकेश भटनागर JNU के पूर्व प्रोफ़ेसर हैं। छात्रों ने आरोप लगाया है कि वीसी हिन्दी भाषी छात्रों के साथ भेदभाव कर रहे हैं। यहाँ तक कि भर्ती प्रक्रिया में वह अपने JNU के छात्रों को वरीयता दे रहे हैं। उन पर BHU का कुलपति रहते हुए अधिकांश नियुक्तियों में JNU, वामपंथ और अँग्रेजी को वरीयता देने जैसे कई गंभीर आरोप छात्रों ने पहले भी लगाए हैं।
"कैंपस के हॉस्टल में रहने वाले 65% से अधिक छात्रों ने अपने बकाया शुल्क का भुगतान कर दिया है। कुछ छात्र जो इस बीच अपने घर चले गए थे वे भी वापस कैंपस में लौट रहे हैं।”
हाल ही में मुंबई में हुए एक विरोध प्रदर्शन में एक लड़की द्वारा "फ्री कश्मीर" का पोस्टर लहराने पर उसके ख़िलाफ में केस दर्ज किया गया था। हालाँकि, बाद में जेएनयू छात्रों ने सफाई देते हुए कहा कि वो कश्मीर में फ्री इंटरनेट को लेकर लिखा गया था, लेकिन अब आइशी घोष खुद इसे लेकर खुलकर सामने आ गई हैं।
कोमल शर्मा का आरोप है कि JNU में हुए हमले को लेकर चैनल ने उन्हें कथित तौर पर एक आरोपित के रूप में पेश करके बदनाम किया है। इसके साथ ही कोमल ने मीडिया संस्थानों और दिल्ली पुलिस को भी पत्र लिखकर इस मामले में ध्यान रखने को कहा है।
जब तक CAA को खत्म नहीं किया जाएगा, तब तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी। वहीं छात्र सहादत हुसैन ने पुलिस की कार्रवाई को निंदनीय बताया। इस दौरान छात्रों ने धरने पर AMU माँगे आजादी, JNU माँगे आजादी, संघवाद से आजादी जैसे नारे लगाए।
JNUSU का कहना है कि वो JNU में तब तक कोई क्लास नहीं चलने देंगे जब तक वाइस चांसलर इस्तीफ़ा नहीं दे देते हैं। इसके जवाब में JNU के प्रोफेसर वैज्ञानिक आनंद रंगनाथन ने ट्वीट करते हुए कहा है कि अगर क्लास में एक भी विद्यार्थी न हुआ तब भी अपना लेक्चर देंगे।