विधायक फराज फातमी ने न केवल पार्टी के स्टैंड का विरोध किया है, बल्कि नीतीश कुमार को राज्य का सबसे बड़ा चेहरा भी बताया है। उन्होंने कहा, "बिहार में नीतीश कुमार से बड़ा कोई चेहरा नहीं है। 2020 में भी वही सरकार बनाएँगे।"
नीतीश कुमार के अलग होने के बाद मानों खुशियों ने लालू के परिवार से मुॅंह ही मोड़ लिया था। राजनीतिक दखल कमजोर पड़ गया और पार्टी की चूलें हिल गई। बेटे और बहू की तकरार भी सार्वजनिक चर्चाओं का हिस्सा बन गई। ऐसे में मोदी के कारण कैसे बदले समीकरण?
रघुवंश ने कहा कि तेजस्वी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं, इसीलिए उनका काम विधानसभा की परिक्रमा करना है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरपुर में तेजस्वी की ज़रूरत नहीं है, वहाँ किसी जनसभा वाले नेता की ज़रूरत है।
"किस नियम के तहत तेजस्वी ने अपने घर में 44 AC (जिनमें से कुछ बाथरूम में भी थे), 35 क़ीमती लेदर सोफे, 464 फैंसी LED लाइट्स, 108 पंखे, क़ीमती बिलियर्ड्स टेबल, दीवालों पर महँगी लकड़ियों के पैनल और इम्पोर्टेड ग्रेनाइट फ्लोरिंग- यह सब लगवाए?"
विपक्ष को आम जनता की आवाज़ बनने की ज़रूरत थी, मगर उनकी आवाज़ को बुलंद कर सरकार तक पहुँचाने की बजाए ऐसे संवेदनशील मामले पर चुप्पी साध लेना, नेता प्रतिपक्ष का इस तरह अज्ञातवास पर चले जाना, विपक्ष की संवेदनहीनता को दर्शाता है।
सोमवार (मई 27, 2019) को मीडिया से बात करते हुए महेश्वर यादव ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि राजद परिवारवाद के चक्कर में उलझी हुई है। इसी वजह से पार्टी की इतनी दुर्गति हुई।
पप्पू यादव ने RJD अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बेटों को कुपुत्र करार दिया है। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि RJD ने बिहार में मुस्लिम उम्मीदवारों को हराने के लिए भाजपा से समझौता कर लिया है।
केसी त्यागी ने लालू यादव पर वाम दलों के साथ धोखा करने का आरोप भी मढ़ा। उन्होंने कहा कि वामदल हमेशा लालू के लिए खड़ा रहा लेकिन कन्हैया को टिकट न देकर लालू ने वाम दलों को धोखा दिया। त्यागी ने 'विचारधारा में अंतर' के बावजूद कन्हैया कुमार से सहानुभूति जताई।
लालू चारा घोटाले में राहत के बदले नीतीश कुमार की सरकार गिराने के लिए तैयार थे; जब जेटली ने यह पेशकश ठुकरा दी तो लालू अंत में खुद जेटली से मिलने पहुँचे।