निवासियों ने यह भी दावा किया कि इस्लामी भीड़ ने न केवल दुर्गा मंदिर की मूर्तियों को तोड़ा, बल्कि दुर्गा मंदिर में पेशाब भी किया। उन्होंने बताया कि गली के मुहाने पर कई सौ लोगों की भीड़ जमा थी और अगर वे शटर को नीचे नहीं खींचते तो इलाके के हिंदू जरूर मारे जाते।
दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में दुर्गा मंदिर में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने 3 आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। इन आरोपितों में से एक नाबालिग है, जबकि बाकी दोनों आरोपित बालिग बताए जा रहे हैं। घटना की सीसीटीवी रिकॉर्डिंग में यह तीनों मंदिर में तोड़फोड़ करते दिख रहे हैं।
इस यूज़र ने यह वीडियो टिकटॉक पर पोस्ट करने के लिए बनाई थी, जो काफी वायरल होने के बाद लोगों के नजर में आया। शख्स कार के ऊपर चढ़कर कोई स्टंट कर रहा था। वीडियो में जो कार नजर आ रही है, इस तरह की गाड़ी अक्सर दिल्ली पुलिस के ACP प्रयोग करते हैं।
पुलिस ने इस मामले में घटना की जगह की सीसीटीवी फुटेज भी खंगाला और शुरुआती जाँच के बारे में बताते हुए रोहिणी के डीसीपी एस डी मिश्रा ने कहा कि उन्होंने इस बारे में घटना के समय मौजूद चश्मदीद गवाह से बात की, जिसने उन्हें इस घटनाक्रम के पूरे सीक्वेंस को बताया। इससे मोमिन के आरोप साबित नहीं होते हैं।
वीडियो में दिख रहा है कि टेम्पो चालक तलवार निकाल कर पुलिस वालों को धमकी भरे अंदाज में कुछ कह रहा है और फिर एक पुलिस वाले पर तलवार से वार भी करता है। वीडियो में सभी पुलिस वाले उसके तलवार से बचते दिख रहे हैं और उसे पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि 21 फ़रवरी 2018 को जामा मस्जिद इलाक़े में मोहम्मद इक़बाल ने अपने दो साथियों नौशाद और रिज़वान के साथ मिलकर मक्की नाम के शख़्स पर गोली चलाई थी। हालाँकि मक्की इस हमले में अपनी जान बचाने में क़ामयाब रहा।
नमाज़ बहुत पहले ही ख़त्म हो चुकी थी और लोग वहाँ से जा चुके थे। फिर भी समुदाय विशेष के लोगों ने सार्वजनिक वाहन पर तोड़फोड़ की और हंगामा किया। कमाल की बात यह है कि जहाँ ज़्यादातर इंग्लिश मीडिया ने 17 नमाजियों के घायल होने की झूठी ख़बर चलाई
"जो मीडिया समूह या मीडिया पोर्टल मेरे नाम से यह स्टेटमेंट जारी कर रहे हैं कि 17 लोग घायल हुए हैं, वह गलत है। वहाँ कोई भी घायल नहीं है। उन्होंने आगे जोड़ा कि तीन लोग बाद में पुलिस स्टेशन आए थे कि वह घायल हैं लेकिन उन्हें देखकर यह साफ था कि कोई भी घायल नहीं था।"
घमंड वाली बात से ही अरविन्द केजरीवाल 'ट्रिगर' हो गए और उनके हारे हुए प्रत्याशियों ने उनके इशारे पर अलका लाम्बा को ग्रुप से बाहर कर दिया। इसके बाद आज अलका लाम्बा ने कुछ और बेहद करुणामय और मार्मिक ट्वीट के माध्यम से अपनी बात सामने रखते हुए लिखा है कि बार-बार व्हाट्सएप्प ग्रुप में जोड़ने-निकालने से बेहतर होता इससे ऊपर उठकर कुछ सोचते, बुलाते, बात करते, गलतियों और कमियों पर चर्चा करते, सुधार कर के आगे बढ़ते।