संक्रमित व्यक्ति की रिपोर्ट आने से पहले वह अपनी पत्नी और दो बच्चों के संपर्क में आया था। जबकि उसकी माँ उसके छोटे भाई के साथ उसी इलाके में लेकिन दूसरे घर में रहती थी, जिन्होंने बीमार होने से कुछ दिन पहले अपने बेटे से मुलाकात की थी।
छात्रों ने गेट को तोड़ने के साथ-साथ प्रशासनिक भवन को भी नुकसान पहुँचाया। कार्यवाहक कुलपति जब मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे उसी समय कुछ छात्रों ने उनके ऑफिस की खिड़की की काँच तोड़ अंदर घुसने की कोशिश।
चिंटू के ख़िलाफ़ नजमा नामक महिला ने दिल्ली दंगों से संबंधित मामला दर्ज कराया था। उसका आरोप था कि चिंटू ने उसके घर से सारी चीजें चोरी कर ली। CCTV से पता चला कि गृह मंत्रालय में कार्यरत चिंटू अपने घर व जान-माल की सुरक्षा के लिए बाहर पहरा दे रहा था, वो भी सिर्फ एक छड़ी के सहारे!
पीड़िता ने शिकायत में कहा है कि शादी का वादा करने के बाद 2 जनवरी को अली उसे एक गेस्ट हाउस में ले गया। वहाँ उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए। रेप के बाद अली फरार हो गया। उसने अपने सभी सोशल मीडिया अकाउंट भी डिलीट कर दिए।
कोरोना के संक्रमण में तेजी से बढ़त को देखते हुए देश के कई राज्यों में स्कूलों को बंद करने का ऐलान कर दिया गया है। इस क्रम में राजधानी दिल्ली, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मणिपुर ने...
अरविंद केजरीवाल ने प्रस्ताव पर बहस के दौरान कहा कि उनके परिवार और पूरी कैबिनेट के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं हैं तो क्या सभी को NPR के तहत डिटेंशन सेंटर भेज दिया जाएगा? उन्होंने कहा कि ये डर सबको सता रहा है।
"दरियागंज दिल्ली गेट पर इसी 'पिंजरा तोड़' के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पुलिस के साथ झड़प की लेकिन इनमें से किसी एक को भी गिरफ़्तार नहीं किया गया। वो सभी हिंसक हरकतें कर के भाग खड़े हुए। फँसा कौन? स्थानीय लोग। करनी उनकी और भुगतना हमें पड़ रहा है।"
आरटीआई से प्राप्त जानकारी के अनुसार सिर्फ़ अगस्त से लेकर जनवरी तक में आप सरकार ने प्रचार-प्रसार पर 43 करोड़ रुपए खर्च किए। इसमें से 29 करोड़ रुपए तो केवल बीते दिसंबर और जनवरी में खर्च किए गए।
करीब 2 सालों से अवैध रूप से टैक्स वसूल कर रही थीं ये कंपनियाँ। इन कंपनियों ने 1500 करोड़ रुपए की बिक्री करने के नाम पर 150 करोड़ रुपए का इनपुट टैक्स वसूल किया है। इनमें से दो कंपनियाँ श्रीनगर की थीं, जो केवल कागजों पर थीं और उन्होंने...
जस्टिस मुरलीधर के तबादले का आदेश 26 फरवरी को जारी किया गया था। इसको दिल्ली दंगों से जोड़ लिबरल गैंग ने प्रोपेगेंडा फैलाया था। अब खुद जस्टिस मुरलीधर ने बताया है कि दिल्ली दंगों से काफी पहले ही उन्होंने तबादले को लेकर सहमति दे दी थी।