नागरिकता संशोधन कानून आने के बाद से ही जामिया मिलिया इस्लामिया सुर्खियों में है। अब यहॉं फिर से छात्रों की कारगुजारी सामने आई है। इस बार छात्रों ने कार्यवाहक कुलपति और अन्य स्टाफ के साथ अभद्रता की है। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के गेट को तोड़ने और कुलपति कार्यालय पर कब्जा करने की कोशिश भी की। महिला सुरक्षाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की गई। ट्विटर के जरिए यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार ने खुद पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी है।
इसके मुताबिक छात्र संगठनों AISA, SIO, MSF, JSF वगैरह ने 12 मार्च को कुलपति के घेराव की सूचना सोशल मीडिया पर जारी की थी। उन्होंने कुछ मॉंगे भी रखी थी। कुलपति अभी बाहर हैं। इसलिए, कार्यवाहक कुलपति ने यूनिवर्सिटी के डीन, निदेशकों एवं अन्य अधिकारियों के साथ बैठक की। पॉच प्रोफेसरों की एक कमेटी गठित की गई ताकि वे छात्र संगठनों के साथ उनकी मॉंग पर चर्चा कर सकें।
The facts related to incidents occurred at the VC Office, @jmiu_official on 12th March,2020. pic.twitter.com/W87anj3XvS
— Jamia Millia Islamia (Central University) (@jmiu_official) March 15, 2020
समिति ने छात्र संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ शाम के चार बजे बैठक का समय मुकर्रर किया था। लेकिन, छात्र संगठनों की प्रतिक्रिया इसको लेकर उत्साहजनक नहीं थी। इसके बाद 12 मार्च को यूनिवर्सिटी के सभी गेट बंद कर दिए गए। सुरक्षाकर्मियों को तैनात कर दिया गया। मौके पर शिक्षक भी थे ताकि छात्र उनके सामने अपनी बात रख सके।
लेकिन, करीब 100 छात्रों की भीड़ ने यूनिवर्सिटी का गेट तोड़ने की कोशिश की। वे हथौड़े, रॉड वगैरह से लैस थे। इस दौरान कुछ सुरक्षाकर्मी जिनमें महिलाएँ भी शामिल थीं को चोटें आईं। इन छात्रों ने गेट को तोड़ने के साथ-साथ प्रशासनिक भवन को भी नुकसान पहुँचाया। कुलपति के ऑफिस में जबरन घुसने की कोशिश की। कार्यवाहक कुलपति जब मामले को सुलझाने की कोशिश कर रहे थे उसी समय कुछ छात्रों ने उनके ऑफिस की खिड़की की काँच तोड़ अंदर घुसने की कोशिश। छात्रों ने उनके साथ वहॉं मौजूद अन्य शिक्षकों के साथ भी बदतमीजी की।
छात्रों के इस व्यवहार को यूनिवर्सिटी ने गैर जिम्मेदाराना माना है। रजिस्ट्रार ने कहा है कि कुछ गिने-चुने छात्रों ने यूनिवर्सिटी की गरिमा को नुकसान पहुँचाया है। उन्होंने तोड़फोड़ की। कार्यवाहक कुलपति को रोकने का प्रयास किया। संपत्ति को नुकसान पहुँचाने के साथ-साथ सुरक्षा गार्ड्स के साथ मारपीट जैसी घटनाओं को भी अंजाम दिया। इसके बाद छात्र यह धमकी देते हुए वहॉं से चले गए कि वे प्रशासन को रविवार तक का वक्त देते हैं। इसके बाद सोमवार को भी इसी तरह से घेराव और प्रदर्शन करेंगे।
यूनिवर्सिटी ने स्पष्ट किया है कि इस तरह की हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और छात्रों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए यूनिवर्सिटी पहले से ही बंद है।