राजदीप सरदेसाई इसे 'ब्लडी दिवाली' कहते हैं। अरशद वारसी को देश की जनता 'स्टुपिड' नज़र आती है। सोनम कपूर का कुत्ता डर जाता है। शशि थरूर का पॉवर ग्रिड फेल हो जाता है। आख़िर जमातियों का मजहब न देखने की सलाह देने वालों ने '9 बजे 9 मिनट्स' में धर्म कैसे ढूँढ लिया?
चार बच्चों के पिता शरीफ बचपन से बसवन्ना की शिक्षाओं से प्रभावित रहे हैं। तीन साल से वे लिंगायत धर्म के बारे में शिक्षा ले रहे थे। बीते साल नवंबर में दीक्षा ली थी। अब 26 फरवरी को मुख्य पुरोहित की जिम्मेदारी वे सॅंभालेंगे।
"आप गतिशीलता का तभी आनंद ले पाएँगे या उत्सव मना पाएँगे, जब आपका एक पैर स्थिरता में दृढ़ता से जमा होगा। और दूसरा गतिशील।" मकर संक्रांति का पर्व इस बात का भी उद्घोष है कि गतिशीलता का उत्सव मनाना तभी संभव है, जब आपको अपने भीतर स्थिरता का एहसास हो।
"दास्तान लाइव रॉक बैंड के समूह ने अपमानजनक (गालियाँ) शब्दों के साथ "ओम" का उच्चारण किया। इसके अलावा, उन्होंने जानबूझकर हिंदू धर्म के लोगों की भावनाओं को आहत किया और सेरेंडिपिटी आर्ट्स फेस्टिवल 2019 के मंच का दुरुपयोग किया।"
अपने पिता पर गंभीर आरोपों की लम्बी फेहरिस्त जारी रखते हुए उसने यह भी कहा कि वे अपने सहयोगियों को टेंडर जारी होने के पहले से तय राशि बता देते थे और उनके सहयोगी उससे सस्ते दाम लगाकर टेंडर पा लेते थे। इसके बाद चाहे वे जैसी भी गुणवत्ता का सामान दें, आश्रम खरीद लेता था।