आँकड़ें बताते हैं कि मोदी सरकार की सख्ती, प्रभावित इलाकों में विकास कार्यों में तेजी और अर्बन नक्सलियों पर शिकंजा कसे जाने से लाल आतंकी की जड़ें सिकुड़ी हैं। लेकिन, खूनी खेल के लिए नए मैदान तलाश रहे वाम आतंकियों के समूल नाश के लिए उनके अर्थ तंत्र पर चोट जरूरी।
2010 में सूरत ज़िले की कामरेज पुलिस ने दक्षिण गुजरात में नक्सल गतिविधियों का प्रचार करने के लिए गाँधी समेत 25 के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में 24 आरोपित गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। सीमा हिरानी पुलिस की गिरफ़्त से दूर है।
गृह मंत्रालय के आँकड़ों के मुताबिक 2009-13 के मुकाबले 2014-18 में नक्सली हिंसा में हुई मौतों का आँकड़ा 60.4% गिरकर 3,326 से 1,321 पर आ चुका है। गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी के लोकसभा में दिए गए जवाब के मुताबिक सरकार के सतत प्रयास से नक्सली हिंसा का दायरा अब सिकुड़ने लगा है और यह केवल 60 जिलों में ही बचा है।
“मुझे अपने भाई की जगह नौकरी मिली है। मैंने विभाग से अनुरोध किया था कि मुझे मेरे भाई की बंदूक ही दी जाए। नक्सली कायर हैं। मैं दंतेश्वरी फाइटर टीम को जॉइन करना चाहूँगी और अपने भाई की मौत का बदला लेना चाहूँगी।”
पुलिस द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर पार खुरहा गाँव के साधु यादव के घर छापेमारी की गई, जहाँ नक्सलियों से संबंधित कई प्रकार की सामग्री जब्त की गई है। छापेमारी के दौरान चार केन बम, एक दर्जन से अधिक इंसास की जिंदा कारतूस, एक देसी कट्टा, तीन बंडल जिलेटिन, चार नक्सली वर्दी, एक बैग एवं दर्जनों डेटोनेटर बरामद हुए हैं।
जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।
कैलाश के बारे में स्थानीय एनसीपी नेताओं ने यह भी कहा कि उसने मार्च में पार्टी के लिए समय न निकाल पाने की बात कहते हुए इस्तीफा दे दिया था। वह पार्टी की स्थापना के समय से ही इसका सदस्य था। ईनामी नक्सलियों किरण कुमार और नर्मदक्का की गिरफ़्तारी के बाद उनकी निशानदेही पर कैलाश को गिरफ़्तार किया गया।
इस मामले में गढ़चिरौली पुलिस ने टॉप नक्सली कमांडर नर्मदक्का और उसके पति किरण कुमार को गिरफ़्तार किया था। उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए इनपुट और उपलब्ध तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर पुलिस ने दिलीप हिदामी, परसाराम तुलवी, सोमनाथ मडावी, किसान हिडामी और सुक्रु गोटा को भी गिरफ़्तार किया।
राव को बीते साल नक्सलियों से संपर्क रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वह पुणे की यरवदा जेल में बंद था। इस मामले में राव सहित 23 लोगों के खिलाफ पुणे पुलिस ने मामला दर्ज कर रखा है। राव पहली बार तब चर्चा में आया था, जब बीते साल पुलिस ने माओवादियों से संपर्क रखने को लेकर देशभर में कई जगहों पर छापेमारी की थी।