मोहम्मद बिलाल लखनऊ में ट्रेन पर चढ़ा था और कोलकाता जा रहा था, जहाँ से उसकी बांग्लादेश जाने की योजना थी। बिलाल का बड़ा भाई लखनऊ की जेल में बंद है। बिलाल के पास से तीन बांग्लादेशी पासपोर्ट, बांग्लादेशी मुद्रा और अमेरिकी डॉलर जब्त किए गए हैं।
"उपद्रवियों में दो तरह के लोग हैं। एक वो जिनकी राजनीति दशकों तक झूठ फैलाने पर ही टिकी हुई है। दूसरे वो लोग जो समझते थे कि वो ही सरकार हैं और वो जो इतिहास बताएँगे, वही सच माना जाएगा। ख़ुद को भारत भाग्य विधाता मानने वालों ने अब बाँटो और राज़ करो वाली नीति पर काम करना शुरू कर दिया है।"
"अगर आपको मोदी पसंद नहीं है तो मोदी को गाली दो, मोदी का पुतला जलाओ, जूते मारो लेकिन देश की सम्पत्ति मत जलाओ। मेरे दोबारा जीत कर आने के बाद का सदमा कुछ लोग अभी भी सहन नहीं कर पा रहे और देश में तूफ़ान खड़ा करने के लिए..."
CAA ख़िलाफ़ हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान पत्थरबाज़ी और बवाल काटने के मामले में 5000 से ज्यादा पर मुक़दमा दर्ज किया गया है। पूर्व विधायक ज़ाकिर अली, सभासद सलाउद्दीन, सपा नेता रिज़वान सैफी, आरिफ़ के नाम भी शामिल हैं।
जैसे ही पीएम मोदी ने कहा कि दलितों और शोषितों के लिए नागरिकता संशोधन क़ानून लाया गया है, वैसे ही लोगों ने खड़े होकर 'जय श्री राम' का नारा लगा कर सीएए का स्वागत किया। पूरा रामलीला मैदान 'जय श्री राम' के नारों से गूँज उठा।
“भारी पथराव और फायरिंग के बीच मुझे हिंसक भीड़ को रोकना था। इसी दौरान एक गोली मेरे सीने की तरफ आई। बुलेटप्रूफ जैकेट तो इससे मुझे नहीं बचा पाई। लेकिन मेरा पर्स जिसमें मैंने भगवान शिव की तस्वीर रखी थी ने बचा लिया।”
"मैं पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील करती हूँ कि वे ऐसे सभी स्वार्थी तत्वों, संगठनों व पार्टियों से हमेशा सचेत रहें। वैसे ऐसे तत्वों को पार्टी कभी लेती नहीं है, चाहे वे कितना ही प्रयास क्यों न कर लें।"
एसपी ने बताया कि न केवल पुलिसकर्मी बल्कि मीडिया को भी उन्मादी भीड़ ने निशाया बनाया। उन्होंने कहा कि भीड़ नक़ाबपोश बच्चों की बड़ी संख्या में मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत था कि कुछ तत्व उन्हें भड़का रहे हैं।
उपद्रवियों ने पटना के एक मंदिर में तोड़-फोड़ और आगजनी की। क्यों? क्योंकि यह उग्र भीड़ मंदिर के पास से गुजर रही थी। स्थानीय निवासियों और पुलिस ने इन्हें आगे बढ़ने से मना किया। बस, इतनी सी बात पर उपद्रवियों ने मंदिर में तोड़-फोड़ करनी शुरू कर दी, फिर आगजनी भी की।
दंगाइयों के पथराव से सड़कें ईंट-पत्थरों से पट गई। हालात पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज, आँसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस दौरान गलियों और छतों से भी पुलिस पर पथराव किया गया।