Saturday, April 20, 2024
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दंगाई भीड़ में शामिल 7-14 साल के बच्चों ने की पत्थरबाज़ी, जबलपुर के SP का चौंकाने वाला ख़ुलासा

एसपी ने बताया कि अमूमन पुलिस पर यह आरोप लगाया जाता है कि उसने बच्चों पर लाठीचार्ज किया। नाबालिगों पर आँसू गैस का इस्तेमाल किया। लेकिन, यही बच्चे शहर के कुछ हिस्सों में उत्पात मचा रहे हैं। ऐसे बच्चों के अभिभावकों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की बात भी उन्होंने कही है।

मध्य प्रदेश के जबलपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी) अमित सिंह ने चौंकाने वाला ख़ुलासा किया है। उन्होंने बताया कि नागरिकता संशोधन क़ानून का विरोध कर रहे दंगाइयों की भीड़ में शामिल 7 से 14 साल के बच्चों ने पुलिस पर पत्थरबाज़ी की। उन्होंने कहा उपद्रवियों में शामिल 7-14 साल के बच्चों को नागरिकता संशोधन क़ानून (CAA) राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के बारे कुछ नहीं पता, बावजूद इसके उन्होंने न सिर्फ़ पुलिस पर पथराव किया बल्कि वाहनों को भी क्षतिग्रस्त किया।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि आमतौर पर यह आरोप पुलिस पर लगाया जाता है कि उन्होंने बच्चों पर लाठीचार्ज किया और नाबालिगों पर आँसू गैस का इस्तेमाल किया। लेकिन, अब भी शहर के कुछ हिस्से ऐसे हैं जहाँ छोटे बच्चे उत्पात मचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “न केवल बच्चे बल्कि उनके अभिभावकों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की जाएगी।” हिंसा के बाद स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए इलाक़े में कर्फ़्यू लगा दिया गया है।

जबलपुर में नागरिकता क़ानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) के ख़िलाफ़ उग्र हुई भीड़ ने एक विरोध मार्च के दौरान काफ़ी हिंसक रूप ले लिया था।

ख़बर के अनुसार, हिंसक भीड़ ने न केवल पुलिसकर्मियों, बल्कि मीडिया कर्मियों पर भी जमकर पथराव किया और सार्वजनिक सम्पत्तियों को नुक़सान पहुँचाया। कुछ पुलिस अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती किया गया।

एसपी अमित सिंह ने आगे कहा कि उग्र हुई भीड़ में नक़ाबपोश बच्चों की बड़ी संख्या में मौजूदगी इस बात का स्पष्ट संकेत था कि उन्हें कुछ तत्वों द्वारा भड़काया गया था। उपद्रवियों की भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आँसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता स्थिति को नियंत्रण में लाने की रहती है। उन्होंने जानकारी दी कि इलाक़े के चार पुलिस स्टेशनों में कर्फ़्यू लगा दिया गया है।

पुलिस अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार (20 दिसंबर) को जुमे की नमाज के बाद स्थानीय लोगों ने छोटे समूहों में विभाजित होकर, छोटी गलियों में घुसकर जुलूस का नेतृत्व करने की कोशिश की। बच्चों और किशोरों की भीड़ ने पत्रकारों और कैमरापर्सन पर भी हमला किया। कई मीडियाकर्मियों को पत्थरों से मारा गया।

नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में शुक्रवार की दोपहर हज़ारों लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद मुस्लिम भीड़ द्वारा हिंसक विरोध-प्रदर्शन किया गया। दंगों के बाद चार थाना क्षेत्रों- अधारताल, हनुमंतल, गोहलपुर और कोतवाली में कर्फ़्यू लगा दिया गया।

फ़िलहाल, जबलपुर में कर्फ़्यू में ढील दी गई है। मध्य प्रदेश के 50 ज़िलों में धारा-144 लगी हुई है। भोपाल क़ाज़ी ने शांति की अपील की है।

दंगों से कुछ तस्वीरें, जो बताती हैं पुलिस वाले भी चोट खाते हैं, उनका भी ख़ून बहता है…

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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