Saturday, November 23, 2024

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पत्रकारिता का समुदाय विशेष

NDTV, Reuters और AP के पत्रकारों को आलीशान कश्मीरी बंगलों को खाली करने का आदेश

सरकार ने हाल ही में NDTV के ब्यूरो प्रमुख नाज़िर मसूदी, रॉयटर्स के वरिष्ठ प्रतिनिधि फ़य्याज़ बुखारी और एसोसिएटेड प्रेस के ऐजाज़ हुसैन को जल्दी-से-जल्दी उन्हें श्रीनगर में मिले हुए सरकारी बंगले खाली करने का निर्देश दिया है।

घोघो रानी… चुल्लू भर ही था पानी, इसलिए छेनू उसमें डूब के मर न सका!

लोकतंत्र के चार खम्भे जब गिनवाए जाते हैं तो विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बाद पत्रकारिता का नंबर भी आता है। जब पहले तीन से जनता सवाल कर सकती है तो आखिर ऐसा क्यों है कि पत्रकारिता सीजर्स वाइफ की तरह सवालों से बिलकुल परे करार दी जाती है?

मीडिया को सत्ता का गुंडा बताने वाले रवीश के 4P- प्रपंच, पाखंड, प्रोपेगेंडा, प्रलाप

रवीश कुमार ने बीजगणित के अध्याय की तरह सब कुछ अब 'मान लिया' है। इससे बड़ी हानि यह है कि वो चाहते हैं कि उनके इसी 'मान लेने' को बाकी लोग भी मान लें, जबकि उनकी यह बीजगणित एकदम ऊसर है, इससे कुछ भी सृजन नहीं हो सकता है।

‘हैकरमैन अर्थशास्त्री’ ने दी नोट छापकर जनता में बाँटने की राय, मैग्सेसे विजेता ने कहा- सहमत दद्दा

अनिंद्यो चक्रवर्ती रवीश कुमार को समझा रहे हैं कि यदि सरकार खूब सारे रुपए छापकर जनता में बाँट दे तो अर्थव्यवस्था तुरंत ठीक हो सकती है। इस पर रवीश कुमार भी अपनी सहमति दर्ज कराते नजर आए रहे हैं। बता दें कि हाल ही में रवीश कुमार को प्रतिष्ठित रैमन मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।

घोघो रानी कित्ता पानी: सुप्रीम कोर्ट ने बता दिया हिंदी मीडिया में कूड़ा परोसने वाले कौन

आज के प्राइम टाइम में सुप्रीम कोर्ट को भी गोदी बता दिया जाना चाहिए। आज ऑड दिवस है, आज सुप्रीम कोर्ट का निर्णय घोघो रानी के मनमुताबिक़ नहीं है। ऐसा लगता है मानो खेल दिवस पर घोघो रानी खेल कर गई।

बात श्री-श्री 1008 श्री रवीश कुमार और उनके अखंड (आपको पता ही है) भक्तों की

श्री-श्री 1008 श्री रवीश कुमार जी महाराज के विरोधियों ने उनके हर पोस्ट और प्राइम टाइम पर कमेंट सेक्शन में लिख कर भक्तों को रवीशिया अफ़ीम की ख़ुमारी से बाहर लाने की कोशिश की लेकिन भक्त तो परमअज्ञान की अवस्था पा चुके थे, उनका उस प्रपंच सागर से बाहर आना नामुमकिन हो चुका था। वो बेचारे सूअरों की तरह कीचड़ में ही आनंद पा रहे थे।

The Hindu वालो, ज़हरीला मर्द होना नहीं, तुम्हारे जैसा विक्षिप्त-लिबरपंथी होना है

इसमें कोई शक नहीं कि पुरुष महिलाओं से सामान्यतः थोड़े अधिक आक्रामक होते हैं, लेकिन यह किसी सांस्कृतिक ज़बरदस्ती या 'toxic masculinity' के चलते नहीं, बायोलॉजिकल कारणों से होता है। इसलिए जहर फैलाने के लिए कुछ भी लिखने से पहले...

असलम ने प्रमोद को क्रूरता से मार डाला, दो को जख्मी किया लेकिन उर्दू मीडिया मॉनिटर ने कहा ‘वो खुद को बचा रहा था’

उर्दू मॉनिटर नामक अख़बार और कारवाँ डेली नामक पोर्टल मामले को नया 'एंगल' देने के लिए ज़बरदस्ती मारे गए युवकों पर ही पकड़े गए आरोपित असलम और फ़रार समीर पर हमला करने का आरोप लगा रहे हैं।

‘गालीबाज ट्रोल’ स्वाति चतुर्वेदी ने फिर फैलाई फेक न्यूज़, PM मोदी की तस्वीर को फोटोशॉप कर अरबी परिधान में दिखाया

स्वाति चतुर्वेदी ने प्रधानमंत्री की छवि को खराब करने और उनका मजाक उड़ाने की नियत से इस तस्वीर को अपने ट्विटर हैंडल पर ‘offered without comments’ कैप्शन के साथ शेयर किया। मगर लोगों ने स्वाति की काली करतूत को रंगे हाथों पकड़ लिया।

दलित की इज्जत लूटने आने वाला मुस्लिम नंगा भी हो तो मीडिया गिरोह पीड़िता का ही मुँह दबा देता है

जब संजीव नेवर की शिकायत पर राष्ट्रीय SC आयोग ने हस्तक्षेप किया तो जाँच में निकल कर आया कि पुलिस ने कई सारी गलतियाँ की थीं। SHO को मूल FIR बदलने के लिए निलंबित कर दिया गया, और बदले के इरादे से पीड़ित परिवार पर दाखिल दो FIRs नकली निकलीं, और पीड़ितों को पुलिस सुरक्षा दी गई।

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