"साध्वी प्रज्ञा की भाजपा से उम्मीदवारी ‘भगवा या हिन्दू आतंकवाद की अवधारणा' के खिलाफ भाजपा का सत्याग्रह है।" लोकसभा उम्मीदवार घोषित होने के पहले साध्वी प्रज्ञा ने भी एक सवाल के जवाब में कहा था, ‘‘मैं धर्मयुद्ध के लिए तैयार हूँ।''
रतन सिंह ठाकुर अपने दोस्तों के साथ मतगणना केंद्र पर पहुँचे थे। नतीजे देखते हुए वो गश खाकर कुर्सियों पर गिर पड़े। उन्हें तत्काल अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
एक वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता ने कहा कि कर्नाटक गठबंधन का पहला लक्ष्य अधिकतम लोकसभा सीट जीतने का था लेकिन अब यह लक्ष्य फेल होता दिख रहा है, ऐसे में गठबंधन को जारी रखने में कोई भलाई नहीं है। एग्जिट पोल्स के अनुसार, 28 लोकसभा सीटों में से भाजपा 25 जीत सकती है।
महिलाओं के गुप्तांगों पर लात मारी गई और उनके कपड़े फाड़ डाले गए। महिलाओं की इतनी निर्मम तरीके से पिटाई की गई कि वो काफी चीख-चिल्ला रही थीं। आरोपितों ने पुलिस के पहुँचने के बाद भी पीड़ितों को पीटना नहीं छोड़ा।
मध्य प्रदेश में कॉन्ग्रेस सरकार किसानों की कर्जमाफ़ी के बड़े वादे के साथ सत्ता में आई थी। इस दौरान कॉन्ग्रेस पार्टी ने प्रदेश के 34 लाख किसानों के 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफ़ करने का वादा किया था।
मुसलगाँवकर पर जिस फेसबुक पोस्ट को लेकर कार्रवाई की गई है, उसे उन्होंने 28 अप्रैल को लिखा था। इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, "अभी भाजपा 300 के पास और राजग 300 के पार।" हालाँकि, अगले ही दिन उन्होंने सार्वजनिक रूप से माफ़ी माँगने के बाद इस पोस्ट को हटा भी लिया था।
यही नहीं इस फिल्म में समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद धमाकों के बाद हुई जाँच को किस तरह से जाँच एजेंसियों ने हिंदू संगठनों की तरफ मोड़ा उसे भी विस्तार से दिखाया गया है।
स्वरा भास्कर जिस घटना के बारे में बात करते हुए उसे किसानों की हत्या ठहरा रही हैं, वो असल में हत्या नहीं, अपितु आत्मरक्षा थी, और वो न्यायसंगत था। स्वरा को उसके लिए गठित न्यायिक जाँच आयोग की रिपोर्ट पढ़नी चाहिए। लेकिन 'लाल-सलाम' वाले ठीक से पढ़ेंगे तो चे-गुआरा की टी-शर्ट कौन पहनेगा भला!
कॉन्ग्रेस कार्यकर्ता इस फॉर्म को बाँटते वक्त लोगों को बकायदा ये भी बता रहे हैं कि किस सूची में कौन सी जानकारी भरनी है। इस फॉर्म में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों से महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ जैसे नाम, पिता का नाम, बैंक का नाम, बैंक खाता और आधार नंबर आदि भरवाया जा रहा है और इसके महत्त्व को बढ़ाने के लिए इस पर अँगूठे का निशान भी लिया जा रहा है।
MP में सिंधिया को तो छत्तीसगढ़ में 'महाराजा' को 'प्रदेश निकाला' दे दिया। गहलोत और कमलनाथ का ध्यान अपने पुत्र को जिताने पर। राजस्थान सहित तीनों राज्यों में विधानसभा चुनाव हारने के बावजूद भाजपा की वापसी होती दिख रही है। समझिए सारे फैक्टर्स।