सीएए विरोधियों और माओवादियों के बीच लिंक मिलने के बाद राज्य में सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं। बताया जा रहा है कि नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोग सरकारी कार्यालयों में अनिश्चितकालीन हड़ताल करवाने की फिराक में लगे हुए हैं।
एलन सुहैब और थाहा फ़ज़ल पर आरोप था कि वे पलक्क्ड़ में अक्टूबर माह में मारे गए संदिग्ध माओवादियों के एनकाउंटर के विरोध के नाम पर माओवादी पर्चे बाँट रहे थे।
पार्टी के दो युवा कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी पर बरसे पोलित ब्यूरो के तीन सदस्य। उनका गुस्सा इस बात को लेकर था कि ऐसा उस राज्य में हुआ जहॉं पार्टी की सरकार है। जनवरी में पार्टी की सेंट्रल कमेटी की बैठक में भी इस पर चर्चा होगी।
इस की जाँच हो कि एनकाउंटर में शामिल अफसरों के हाथों इस घटना के दौरान कोई आपराधिक कृत्य तो नहीं घटित हुआ है। लेकिन इसे एनकाउंटर की सत्यता, उसकी परिस्थितियों या माओवाद के आरोपितों की मृत्यु पर सवाल के रूप में न देखा जाए।
एलन सुहैब और थाहा फ़ज़ल ने माओवादियों के मारे जाने पर राज्य पुलिस को धमकाते हुए नोटिस जारी किए थे। प्रारम्भिक जाँच में, पुलिस ने दावा किया है कि इस बात के ठोस सबूत हैं कि दोनों ने माओवादी पदाधिकारियों के साथ संपर्क बना रखा था।
डॉ जगन के हैदराबाद के तरनाका स्थित निवास पर ली गई तलाशी के दौरान भड़काऊ सामग्री, माओवादी पार्टी के लेटरहेड और प्रतिबंधित साहित्य बरमाद हुई। जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया।
2010 में सूरत ज़िले की कामरेज पुलिस ने दक्षिण गुजरात में नक्सल गतिविधियों का प्रचार करने के लिए गाँधी समेत 25 के ख़िलाफ़ FIR दर्ज की गई थी। इस मामले में 24 आरोपित गिरफ़्तार किए जा चुके हैं। सीमा हिरानी पुलिस की गिरफ़्त से दूर है।
जातिवाद खत्म करने वाली आर्थिक ताकत मुक्त बाज़ार के कम्युनिस्ट दुश्मन हैं। सड़कें न बनने देने वाले, स्कूलों में बम लगा देने वाले माओवादियों के पैरोकार हैं।