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माओवादी
सरकार को अस्थिर करने की साज़िश रचने वाला आनंद तेलतुम्बडे गिरफ़्तार
पुलिस का दावा है कि अगले दिन हिंसात्मक घटनाओं के लिए एल्गार परिषद के दौरान दिए गए भाषण जिम्मेदार थे।
दंगे, हिंसा, आतंक से सरकार को अस्थिर करने की साज़िश की तेलतुम्बडे ने, पुणे पुलिस का दावा
अभियोजक उज्ज्वला पंवार ने आरोप लगाया है कि तेलतुम्बडे, गोवा प्रबंधन संस्थान के एक प्रोफ़ेसर, अन्य सह-अभियुक्त एक आपराधिक साज़िश में शामिल थे।
येचुरी का लेनिन प्रेम: माओवंशियों पर तर्क़ के हमले होते हैं तो वो ‘महान विचारों’ की पनाह लेता है
आपकी बेटी नक्सलियों के साथ जंगलों में एरिया कमांडर के सेक्स की भूख नहीं मिटा रही। आपका बेटा सीआरपीएफ़ के लिए माइन्स नहीं बिछा रहा। आप बुद्धिजीवी बनते हैं और मौन वैचारिक सहमति देते हैं क्योंकि प्यादों की लाइन ही राजा को बचाने के लिए पंक्तिबद्ध होती है।