Sunday, December 22, 2024

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रवीश कुमार

BJP की प्रेस कॉन्फ्रेंस से पत्रकारिता के ‘नाराज फूफा’ गायब

नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने की प्रबल इच्छा रखकर महागठबंधन की रैली से लेकर चार्टर प्लेन में समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ घूमने वाले NDTV के वरिष्ठ पत्रकार कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। विगत 4-5 सालों में देखने को मिला है कि अक्सर यह पत्रकार, शादी-बरात में नाराज फूफा की तरह ही मीडिया और प्राइम टाइम में नजर आते रहे हैं।

रवीश का रूहअफजा – ठन्डे शरबत का गरम मामला

रवीश जी ने बताया कि भाजपा की रैली में आमरस और गठबंधन की रैली में रूहअफजा की माँग रहती है। उसके बाद से वे केवल रूहअफजा की सप्लाई ही करते हैं, क्योंकि उसका रंग लाल होता है, और जब हर ग्लास में रूहअफजा भरते हुए लाल सलाम कहते हैं तो उनकी आत्मा को ठंडक मिलती है।

रवीश ‘कौन जात हो’ के कठिन सवाल चार्टर्ड प्लेन और 100 रुपए के दलित पानी बोतल में खो गए

रवीश वास्तविकता में मुश्क़िल सवाल न तो सामने वाले से पूछते हैं और न ही खुद से… उन्हें बड़े जहाज़, मंच पर जाकर फोटोबाजी और महँगे प्रसाधन से भी परहेज नहीं। ऐसे में मोदी जी को भी बिना झिझक… प्रधानमंत्री रहते रवीश के सामने बैठ कर कहना चाहिए - 'पांडे जी तुम भी कम नहीं हो बे… हें हें हें'!

रवीश कुमार SP-BSP के मंच पर कौन सा ‘कठिन सवाल’ पूछने गए थे? कौन जात हो वाला?

पिछले साल रवीश कुमार द्वारा संचालित एक कार्यक्रम में, सपा नेता अखिलेश यादव ने कहा था कि उन्हें उस पत्रकार की हत्या नहीं करने का पछतावा है जिसने उनकी आलोचना की थी। रवीश कुमार ने अखिलेश यादव की सहनशीलता की प्रशंसा करते हुए उस शो की शुरुआत की थी।

रवीश कुमार इतना ज्ञान क्यों बाँच रहे हैं? एंकर तो आप भी बना दिए गए हैं, मैनेज तो आप भी हो रहे हैं

शब्दों का इस्तेमाल गलत कार्य के लिए मत कीजिए। किसी दिन उँगली जवाब दे देगी और गला सूख जाएगा। कई बार ऐसा होता है कि ज्ञान का इस्तेमाल गलत कार्य के लिए हो तो वह ज्ञान गायब हो जाता है।

मोदी इंटरव्यू के दौरान कपड़े फाड़कर ‘पछड़ा-पछड़ी’ करना चाहते हैं रवीश, उन्हें पागल होना है

रवीश कुमार चाहते हैं कि कोई पत्रकार लाइव इंटरव्यू के दौरान पीएम के जवाब के बाद टेबल पर एक करारा मुक्का मारे और अपनी कुर्सी को नीचे पटक डाले। रवीश की इच्छा है कि मोदी का इंटरव्यू लेनेवाला पत्रकार उनके जवाब के दौरान अपने ही मुँह पर माइक दे मारे।

प्राइम टाइम एनालिसिस: रवीश कुमार कल को सड़क पर आपको दाँत काट लें, तो आश्चर्य मत कीजिएगा

रवीश मुहल्ले की गली का वो लौंडा है जो किसी लड़की के नाम से हाथ काट लेता है, और लड़की को पता भी नहीं होता कि उसका नाम क्या है। रवीश के ऐसे प्रोग्रामों को देख कर मैं बस इसी इंतज़ार में हूँ कि वो किस दिन कलाई का नस काट कर कहेंगे कि उन्हें कुछ होगा तो ज़िम्मेदार मोदी ही होगा।

कभी-कभी लगता है मैं स्वयं ही ‘बेरोज़गारी’ हूँ: रवीश, रोज़गार और आँकड़े

रवीश कुमार ने आँकड़ों को समझने की कोशिश किए बिना, अनुवाद कर दिया। वहाँ उनको 'जॉब' और 'स्लोडाउन' दिखा, बस अनुवाद कर के मोदी को लपेट लिए। जबकि इस लेख में एक ज़रूरी बात छुपा ली गई ताकि मोदी बुरा दिखे।

रवीश बाबू, राहुल की आय, सोनिया के बहनोई और प्रियंका के फ़ार्महाउस पर प्राइम टाइम कहिया होगा? (भाग 3)

आपने सत्ता की आलोचना को अपनी घृणा के सहारे खूब हवा दी, लेकिन आपने देश के नकारे विपक्ष और एक परिवार पर एक गहरी चुप्पी ओढ़े रखी। इसको अंग्रेज़ी में कन्विनिएंट साइलेन्स कहते हैं। यहाँ आप न्यूट्रल नहीं हो रहे, यहाँ आप जानबूझकर एक व्यक्ति का पक्ष ले रहे हैं ताकि उसकी छवि बेकार न हो।

रवीश कुमार जी वाह! KFC में बैठकर शाकाहार पर प्रवचन…

जब 6 फुट का CRPF का जवान अपने घर 200 ग्राम के मांस के बंडल में पहुँच रहा है, उसकी स्थिति को देखकर जो लोग दुखी हैं, उनको रवीश कुमार अपने प्राइम टाइम में उन्मादी बता रहे हैं। इस पर तो कुछ बोलना ही शेष नहीं रह जाता और यह वही रवीश कुमार हैं, जो JNU कांड के समय अफजल गुरु का फोटो लेकर नारे लगाने वालों के बचाव में अपनी स्क्रीन काली कर रहे थे।

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