इससे पहले भी आरएसएस के स्वयंसेवक सिर पर काली टोपी और खाकी हाफ नेकर पहने हाथ में सेनेटाइजर लेकर लोगों के हाथ साफ कराने में लगे हुए थे। वहीं दूसरी दूसरी तस्वीर में स्वयंसेवक हाथ में लाउडस्पीकर लिए लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय बता रहे थे। साथ ही लोगों को घरों से न निकलने की अपील कर रहे थे। इतना ही नहीं स्वयंसेवक घर-घर जाकर लोगों को मास्क भी बाँटे।
आप इस वीडियों में देख सकते हैं संघ के स्वयंसेवक हाफ पैंट पहने और हाथों में झाडू लिए केरल के एक अस्पताल में सफाई करने में जुटे हुए हैं। आप इन तस्वीरों और सोशल मीडिया पर आई वीडियो के देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि स्वयंयेवक किस तरह से अपनी जान की परवाह किए बिना कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए घरों से बाहर निकलकर लोगों की सेवा में लगे हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती को भारत का सबसे बड़ा ग़ैर सरकारी संगठन माना जाता है। इसकी स्थापना वर्ष 1977 में हुई थी। इससे पहले वर्ष 1952 में गोरखपुर में पाँच रुपए किराए के मकान से संघ की प्रेरणा से कुछ स्वयंसेवकों ने शिशु मंदिर की शुरूआत की थी। आज पूरे देश में विद्या भारती के अंतर्गत कुल मिलाकर 30,000 शिक्षण संस्थाओं में 9,00,000 शिक्षकों के मार्गदर्शन में 45 लाख छात्र-छात्राएँ शिक्षा और संस्कार प्राप्त कर रहे हैं।
संघ की छात्र ईकाई की तरफ से इसकी जानकारी शिवसेना के प्रभुत्व वाली बीएमसी को कई दिन पहले दी गई थी। बावजूद इसके न तो बीएमसी ने पूरी तरह सहयोग किया और न ही साफ-सफाई के लिए आवश्यक साजोसामान पूरी तरह मुहैया कराए।
कपल ने विवाह आयोजन के लिए तैयार किए गए निमंत्रण कार्ड में वैवाहिक कार्यक्रमों के साथ यह भी विशेष तौर पर छपवाया है, “हम सीएए व एनआरसी का समर्थन करते हैं।”
भगवा आतंकवाद की थ्योरी गढ़ने वाले दिग्विजय सिंह विवादित टिप्पणियों को लेकर खासे मशहूर रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने कहा था कि भाजपा के लोग आईएसआई के लिए जासूसी करते हैं। उन्होंने भगवा पहनकर बलात्कार किए जाने की बात भी कही थी।
सेवादल की बैठक में कॉन्ग्रेस ने सावरकर पर विवादित पुस्तिका बॉंटी है। इसमें दावा किया गया है कि सावरकर ने 12 साल की उम्र में एक मस्जिद पर पथराव किया। अल्पसंख्यक महिलाओं के साथ बलात्कार करने के लिए हिंदुओं को प्रोत्साहित किया।
अगर इस भीड़ को देख कर तुम्हें डर लग रहा है, तो फिर डरो क्योंकि ये डर पूरे भारतीय समाज की शांति के लिए अच्छा है। अगर ये डर तुम्हारे भीतर रहेगा कि तुम्हारी आगजनी, पत्थरबाजी, गोली चलाने की प्रवृत्ति के टक्कर में एक ऐसी टोली है जो हर जिले में तैनात है, तो तुम सड़कों पर आ कर आग लगाने से पहले सोचोगे।