आरोपित डीपीएस राठौड़ और स्थानीय नेता अजीत सिंह सबूत के बदले चिन्मयानन्द से सवा करोड़ रुपये माँग रहे थे। इस मामले में यूपी पुलिस की एसआईटी ने आरोपितों पर आईपीसी की धारा 385(रंगदारी) , 506 (धमकी देने) और 201 (सबूत नष्ट करने) के तहत केस दर्ज कर लिया है।
चारों मुजरिमों द्वारा किसी तरह की याचिका दायर न करवाने के बाद अब तिहाड़
जेल प्रशासन इस तथ्य को ट्रायल कोर्ट के समक्ष रखेगा। उसके बाद ट्रायल कोर्ट कानूनन कभी भी मुजरिमों का डेथ-वारंट जारी कर सकता है।
"पुलिस ने मामले की जाँच ठीक से नहीं की और आरोपितों को वामपंथी सरकार का समर्थन प्राप्त है, क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर वामपंथी दलों के लिए काम करते थे। और इसी वजह से वो छूट गए।"
“बलात्कार पीड़ितों के मामलों में न्यायालय को बच्चे/बच्ची द्वारा कही गई बातों पर विश्वास करना होगा। ये गलत धारणाएँ हैं कि बच्चे झूठ बोलते हैं या फिर माता-पिता उन्हें दूसरों के खिलाफ छेड़छाड़ की झूठी शिकायतें करना सिखाते हैं।"
पुलिस ने मौके से पीड़िता के फटे कपड़े, चप्पल और गमछा (तौलिया) बरामद किया गया था। खालिद ने कबूल किया है कि गमछा उसका ही था। पुलिस को झॉंसा देने के लिए रेप के बाद उसने दाढ़ी साफ करवा ली थी।
"इसके बाद सुदीप्तो ने मुझे आँखे बंद कर लेट जाने को कहा। साथ ही ऊपर के रेप सीन संबंधी डायलॉग बोलने को कहा। इसके बाद उन्होंने मुझे उंगलियों से छूना शुरू किया और कहा कि उनकी छुअन को सेंस करते हुए डायलॉग बोलूँ। फिर अचानक से उस शख्स ने..."
मृतका के पिता के मुताबिक 20 अगस्त को उस्मान की अम्मी मुन्नी ने धमकी देते हुए कहा था कि राजीनामा नहीं किया तो जान से मार देंगे। पुलिस ने उनकी शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया। आत्महत्या से पहले भी मुन्नी ने पीड़िता को धमकी दी थी।
कोर्ट ने अपने फैसले में माना कि एक लंबे समय तक के सहमति से बनाए गए अंतरंग संबंध, जिसमें यौन संबंध भी शामिल है, ये नहीं कहा जा सकता कि दूसरे पक्ष ने शादी का वादा करके उसके साथ रेप किया।
दुष्कर्म के बाद आरोपित किशोरी को उसके घर के पास फेंक कर फरार हो गए।आरोपित भी पीड़िता के गॉंव से ही हैं। आरोपितों को पकड़ने के लिए पुलिस लगातार दबिश दे रही है।
मौलाना ने हेड कॉन्स्टेबल पीड़िता को विश्वास दिलाया कि उसका बेटा उसके मृत पति के पास है। बेटे का इलाज करने के नाम पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए मजबूर किया। शारीरिक संबंध न बनाने पर महिला को उसके बेटे की मौत की चेतावनी देकर डराता-धमकाता था मौलाना।