Sunday, November 24, 2024

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सबरीमाला

ओवैसी के लिए तीन तलाक़ और सबरीमाला की ‘परंपराएँ’ समान हैं… लेकिन ऐसा सच में है नहीं

इस दोनों प्रथाओं के बीच समानता स्थापित करने के कोई भी प्रयास अत्यंत घृणित है और मुस्लिम महिलाओं द्वारा तीन तलाक के परिणामस्वरूप झेले जा रहे दमन के चरम की गंभीरता को कमतर करता है।

सबरीमाला के पास की 5 एकड़ जमीन चर्च के कब्जे में, हिंदुओं की आस्था पर केरल सरकार की चोट

पांचालिमेडु (Panchalimedu), स्थानीय हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थान है, जिसका नाम पांचाली के नाम पर रखा गया है। ऐसा माना जाता है कि 12 साल के वनवास के दौरान वो पांडवों का निवास स्थान था। एक प्राचीन भुवनेश्वरी मंदिर भी अतिक्रमित भूमि के पास...

‘सबरीमला पर निर्णय के कारण ही मामले को सुन रहे हैं’: SC ने मस्जिद में महिलाओं के प्रवेश पर कहा

दंपति की याचिका में कहा गया है कि जमात-ए-इस्लामी और मुजाहिद वर्ग के लोग महिलाओं को मस्जिदों में नमाज पढ़ने की अनुमति देते हैं जबकि सुन्नी समुदाय में महिलाओं के मस्जिद में जाने पर प्रतिबंध है।

ईसाईयों ने सबरीमाला को 1950 में आग लगा दी थी, आज भी नफरती चिंटुओं की नज़र पर है आस्था

सवाल यह भी है कि क्या हम खुद अपने मंदिरों पर जारी हमलों को उसी तरह देखने और बयान करने की हिम्मत जुटाएँगे जैसा वो सचमुच हैं? सेकुलरिज्म का टिन का चश्मा हम अपनी आँख से उतारेंगे क्या?

सबरीमाला: कहानी एक धर्मयुद्ध की

सबरीमाला में जबरदस्ती घुस कर प्रतिभा को क्या मिला? एक कहानी जिसमें आपके सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा।

आज शाम से अगले पाँच दिनों तक मासिक पूजा के लिए खुला रहेगा सबरीमाला मंदिर

मंदिर खुलने पर हिंदूवादी संगठनों के संभावित विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों में सुरक्षा बढ़ा दी है।

कॉन्ग्रेस में ‘G’ प्रथा को तोड़िए चिदंबरम जी, सबरीमाला-राम मंदिर आपसे न हो पाएगा

प्रथा वो है, जिसमें कॉन्ग्रेस पार्टी की विचारधारा लीन है। ‘परिवारवाद’ है प्रथा चिदंबरम जी... और अगर ये प्रथा नहीं है तो ‘राहुल गाँधी’ ही क्यों कॉन्ग्रेस पार्टी के अध्यक्ष हैं... आप बन जाइए!

सबरीमाला मंदिर मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा अपना फ़ैसला

केरल सरकार ने पुनर्विचार याचिकाओं का विरोध करते हुए अदालत में कहा कि इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए कोई आधार ही नहीं है।

एक का विश्वास, दूसरे का अंधविश्वास: 5 जज, 6 वकील – SC में सबरीमाला पर दमदार दलील

कोई भी व्यक्ति जो अनुच्छेद 25 (2) (बी) के तहत पूजा करने का अधिकार रखता है, उसे देवता की प्रकृति के अनुरूप करना होगा।

सबरीमाला कोई पब्लिक प्लेस नहीं, हिन्दुओं का पवित्र स्थल: संघ प्रमुख के बयान के मायने

संघ प्रमुख का मानना है कि यह समस्या किसी एक मंदिर, पंथ या राज्य की नहीं है बल्कि अन्य मंदिरों पर भी इसके दूरगामी परिणाम होंगे। यह वामपंथी ताक़तों के ख़िलाफ़ पूरे देश की लड़ाई है।

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