Saturday, November 23, 2024

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हिन्दू धर्म

त्रिपुरा में एक ही जगह पर बनेंगे 51 शक्तिपीठ मंदिर, 14.22 एकड़ भूमि आवंटित

ये मंदिर 51 शक्तिपीठों की प्रतिकृतियाँ होंगी। रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने बताया है कि इसके साथ ही रॉक-कट मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध देवतामुरा और उन्नावकोटी पहाड़ियों के लिए एक हेलीकाप्टर सेवा भी शुरू की गई है।

सातवाहन और चालुक्य वंश के बाद तिलक ने गणेश चतुर्थी को बना दिया था स्वतन्त्रता का जन आंदोलन

भारतीय इतिहास में सातवाहन, चालुक्य और राष्ट्रकूट वंशों की, गणेश उत्सव हमेशा ही भारतीय और हिन्दू एकता का प्रमुख केंद्र रहा है।

हिन्दुओं को बार-बार नीचा दिखाओ, क्योंकि वे हमारा कुछ नहीं उखाड़ पाएँगे…रत्ती भर भी नहीं

हिन्दू का व्यवसाय धंधा तो मजहब विशीष का कारोबार इबादत कैसे? क्यों असहिष्णुता गणेश चतुर्थी पर ही आती है, मुहर्रम पर नहीं? क्यों कम्पनियॉं मानती हैं कि जूते खाकर भी आप उनका ही प्रोडक्ट खरीदेंगे। जवाब है, हिन्दू आज अपनी ही संस्कृति, दर्शन और इतिहास का मज़ाक बनाने वालों के पोषक बने हुए हैं।

‘हमें भरतनाट्यम सीखना है लेकिन नटराजा-सरस्वती को प्रणाम नहीं करेंगे, जीसस वाले स्टेप डालो’

शिक्षिका ने जब आरती करने के लिए कहा तो दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले बच्चों ने मना कर दिया, क्योंकि वे ईसाई हैं। शिक्षिका ने उनके अभिवावकों को समझाने की कोशिश की कि अगर वे महज़ आरती से इतना बिदक रहे हैं, तो भरतनाट्यम सीखेंगे कैसे?

‘बाबरी मस्जिद शिया वक्फ की संपत्ति, हम उसे मंदिर निर्माण के लिए हिंदुओं को देने को तैयार’

"इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा दिए गए 2010 के फैसले में, विवादित भूमि का एक तिहाई हिस्सा दूसरे समुदाय को दिया गया था, न कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को। इसलिए वो अपना हिस्सा हिन्दुओं को देना चाहते हैं। इसका एक आधार यह भी है कि बाबरी मस्जिद शिया वक्फ की संपत्ति है।"

8 घटनाएँ मंदिरों की अमानत में खयानत की: क्या किसी सरकार ने इसकी सुध ली?

हिन्दू खुद ही न इस मुद्दे पर जागरुक है न उद्वेलित, इसलिए सरकारें भी मस्त नींद से ग्रस्त हैं। जानना ज़रूरी है कि मंदिरों की हुंडी में, दान-पेटिका में जो पैसा श्रद्धालु अपने देवता के प्रति कृतज्ञता में, मंदिर के काम के लिए, पुजारी जी की आजीविका के लिए डालते हैं, उस पैसे पर सरकारें कैसे डाका डालती हैं।

विवेकानंद का ‘सर्व-धर्म-समभाव’ इस्लाम के लिए एक मौका था, कट्टरपंथियों को सोचना होगा क्यों गँवा दिया

समुदाय विशेष को यह सोचने की ज़रूरत है कि विवेकानंद के 'सर्व-धर्म-समभाव' वाले पन्ने पर क्यों विभाजन की खूनी दास्ताँ लिखी, क्यों मुस्लिम-बहुल कश्मीर को हिन्दू-बहुल भारत का साथ मंज़ूर नहीं और क्यों कश्मीरी पंडितों के साथ वो किया, जो उन्हें नहीं करना चाहिए था।

इस्लाम से भी पुराना है हिन्दुस्तान, कभी पाकिस्तान का हिस्सा नहीं बनेगा कश्मीर: ऑस्ट्रेलियाई इमाम

इमाम मुहम्मद तौहीदी ने कहा है, "पाकिस्तान और कश्मीर दोनों भारत के हैं। हिन्दुओं के धर्म बदलकर मुस्लिम बनने से इस सच को झुठलाया नहीं जा सकता कि वह पूरा इलाका हिन्दू भूमि है।" साथ ही बलूचिस्तान की आजादी का भी समर्थन किया है।

इंजीनियर इमरान ख़ान ने अपनाया हिन्दू धर्म, कहा ‘मेरे पूर्वज थे सूर्यवंशी ठाकुर’

इमरानने बताया कि राघव गोत्र के बड़गूजर के रूप में उनकी पहचान हुआ करती थी। इस्लाम धर्म अपनाने के बावजूद उनके घर में सभी हिन्दू त्योहार मनाए जाते थे।

हलाल मांस इस एक वजह से भी हो जाता है ‘हराम’, जानिए क्या है मजहब का ‘कानून’

जब समुदाय विशेष का व्यक्ति विशेष रूप से हलाल मांस की माँग करता है, तो ऐसे में वह साफ़ तौर पर ऐसी सेवा की माँग कर रहा होता है, जो केवल उसके ही मजहब द्वारा ही दी जा सकती है। बेहद साफ़ है कि एक मुस्लिम अपनी धार्मिक पहचान के कारण एक ग़ैर-मुस्लिम से सेवा लेने से इनकार करता है।

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