IAMC का यह नया सर्वेक्षण भी हिंदू अमेरिकियों को बदनाम करने के लिए एक सुनियोजित प्रयास है। इसके परिणाम और दावे संदेहास्पद हैं और सच्चाई से बहुत दूर हैं।
एक तरफ है करीब 1000 साल से चल रहा छल, प्रपंच और जोर। दूसरी तरफ है हिंदुओं का वह नैतिक बल, जिसका पहला पड़ाव सोमनाथ का पुनरुद्धार था। वह भारतीय चेतना, जिसकी अप्रतिम ऊर्जा अयोध्या है। वह सनातनी संस्कृति, जिसका प्रकाश पुंज मथुरा-काशी है।
पुष्यमित्र शुंग ने भारतवर्ष में क्षीण हो रहे सनातन धर्म की पुनर्स्थापना का स्वप्न देखा था। इसकी वजह से वामपंथी इतिहासकारों ने उसे नरसंहारक और कट्टर के तौर पर पेश किया।
"हिन्दुओं पर इस्लामी आक्रांताओं के क्रूर अत्याचारों को रोमिला थापर जैसे इतिहासकारों ने निष्ठुरता से झुठला दिया, ताकि आधुनिक हिन्दुओं को अपने पूर्वजों के साथ हुए अत्याचारों की याद से दूर रख उन्हें हिन्दू राष्ट्र की (न्यायोचित, प्राकृतिक) माँग करने से रोका जा सके।" - लेखक ने यह माना लेकिन हिंदुओं के प्रति जहर...