प्रशांत सिंह को 'कायर' बताते हुए 'भूसा भर के पर्दा गिरा देने' की धमकी भी दी जा रही है। बिलाल ख़ान नामक सपा कार्यकर्ता ने प्रशांत को 'मोदी का कुत्ता, शाह का रखैल और योगी की नाजायज औलाद' जैसे आपत्तिजनक तमगों से नवाजा है।
पिता-पुत्र दोनों यूपी के सीएम रहे हैं। पिता राम भक्तों की लाश पर चढ़े 'मुल्ला' बने थे। अब बेटे की 'जय श्रीराम' से चिढ़ सामने आई है। भरी सभा में सपा कार्यकर्ताओं ने नारा लगाने पर एक युवक को पीटा और अखिलेश देखते रहे।
यह मामला 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़ा है। आजम और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव 4 अप्रैल को रामपुर के स्वार टांडा में रोड शो कर रहे थे। आरोप है कि प्रचार की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी रोड शो किया गया था।
2012 में अखिलेश सरकार बनते ही किसी आईएएस की जगह एक इंजीनियर एपी मिश्रा को यूपीपीसीएल का प्रबंध निदेशक बनाया गया था। इतना ही नहीं सपा सरकार के दौरान मिश्रा को रिटायर होने के बाद भी नियम के विरुद्ध जाकर तीन बार सेवा विस्तार मिला था। एपी मिश्रा ने अखिलेश यादव पर किताब भी लिखी थी।
नौ-बार रामपुर की सीट से विधायक रह चुके आज़म खान अब पत्नी को जिताने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे हैं। इस सीट के लिए सपा कितना हाथ-पाँव मार रही है यह इसी से समझा जा सकता है कि.....
लोकसभा चुनाव में मिली हार के और बसपा अध्यक्ष के गठबंधन तोड़ने के बाद से अखिलेश यादव के सामने अपनी पार्टी को बचाए रखने की बड़ी चुनौती है। हाल ही में कई राज्यसभा सदस्य सपा छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए हैं।
फिरोज खान ने शेरवानी पहनी, चेहरा फूलों के सेहरे से ढका और दूल्हे का रूप बनाकर गाड़ी में बैठ गए। उनके साथ गाड़ियों में बराती बन कर अन्य कार्यकर्ता भी बैठ गए और पुलिस को धोखा देकर रामपुर पहुँच गए।
रामपुर के डीएम ने बताया कि अखिलेश यादव की तरफ से धरने की अनुमति नहीं माँगी गई थी। फिलहाल यहाँ पर धारा 144 लागू है। 50 से अधिक लोग गाँधी समाधि के पास इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। यह नियम सभी पर लागू होता है, अखिलेश यादव पर भी।
कॉन्ग्रेस नेता ने कहा है कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि सपा, आजम खान के बहाने पूरे प्रदेश में दंगा कराना चाहती है। ऐसे में अगर अखिलेश यादव रामपुर आते हैं तो वह पीड़ित परिवारों के साथ उनका विरोध करेंगे।
प्रदेश अध्यक्ष के पद को छोड़कर अखिलेश ने सभी के पद ख़त्म कर दिए हैं। पार्टी अब नए सिरे से लोगों को ज़िम्मेदारी सौंपने का काम करेगी। ऐसी संभावना जताई जा रही है जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े बदलाव किए जा सकते हैं।