Monday, November 25, 2024

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Arvind Kejriwal

‘दिल्ली में ग़रीबों को दिया जा रहा अधपका, गंदा और कीड़ों वाला खाना’: देखें Video

एक महिला ने कहा कि एक तरफ़ कोरोना वायरस से संक्रमण का प्रकोप है, दूसरी तरफ़ कोई मरने के लिए कीड़ों वाला खाना क्यों खाएगा? महिला ने कहा कि खाना अधपका है, जिससे बच्चों के भी बीमार होने का ख़तरा है।

जमात की नंगई पर केजरीवाल के मंत्री ने कहा- भाषा की परेशानी है, उन्हें हिंदी-अंग्रेजी नहीं आती है

आप गिनते जाएँगे, लेकिन जमात सदस्यों के कारनामें खत्म नहीं होंगे। बावजूद इनकी करतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश शुरू हो गई। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री की मानें तो इसकी वजह 'भाषा' है। अस्पताल कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार इसलिए हो रहा, क्योंकि जमात के सदस्य हिंदी-अंग्रेजी नहीं जानते हैं।

दिल्ली: कोरोना से जंग में स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी की गई जान तो परिवार को मिलेंगे ₹1 करोड़

"चाहे वह सफाई कर्मचारी हो, डॉक्टर हो या फिर नर्स, कोरोना के खिलाफ जंग में अगर उनकी जान चली जाती है तो उनका सम्मान करते हुए उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए दिए जाएँगे। चाहे वे प्राइवेट हॉस्पिटल के हों या सरकारी इससे फर्क नहीं पड़ेगा।"

कोरोना वायरस से इस जंग में नायक कौन, योगी या केजरीवाल?

वुहान वायरस का संक्रमण रोकने के लिए जरूरी है कि केंद्र सरकार के सभी प्रयास सफल रहें। इसके लिए राज्य सरकारों को बिना किसी छल-कपट के एकजुट होकर काम करना होगा। तभी अपने लोगों के जीवन की रक्षा की जा सकती है।

मजदूरों के पलायन पर केजरीवाल को केंद्र का पत्र, लिखा- लॉकडाउन लागू कराने के लिए है पूरी ताकत, फिर भी नहीं किया

"भविष्य के लिए उप-राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह सभी मजदूरों को सही तरीके से रखें। जरूरत पड़ने पर उन्हें शेल्टर होम में शिफ्ट किया जाए, जहाँ पर सभी मूलभूत सुविधाएँ हों।"

पहले बुलाया और जहाँ से चले थे, बसों में ठूँस फिर वहीं पहुँचाया: केजरीवाल के धोखे से बिलख-बिलख कर रोए प्रवासी मजदूर

दिल्ली सरकार ने आनंद विहार बस अड्डे पर लोगों को इकट्ठा किया, फिर उन्हें वहीं पहुँचा दिया, जहाँ से ये काफी जद्दोजहद करके आए थे। हजारों लोग फरीदाबाद, गुरुग्राम, मानेसर, बल्लभगढ़ से आनंद विहार तक पहुँचे थे। भीड़ को देखते हुए जब गालियाँ पड़ने लगीं तो केजरीवाल सरकार ने बसों में ठूँस कर इन्हें दिल्ली-एनसीआर के अलग-अलग इलाकों में जाकर छोड़ दिया।

पलायन या षड्यंत्र? ये देश को तबाह करने की साजिश नहीं तो और क्या है? दो लाख लोग इकट्ठा कैसे हो गए?

अरविंद केजरीवाल ने उन्हीं लोगों को धोखा दिया है, जिनके बल पर वह सत्ता पाता है। वो जानता था कि दिल्ली में वो 2 लाख लोगों की कोई व्यवस्था नहीं कर सकता। ऐसे में अफवाहें फैलाई गई और उन गरीब मजदूरों को घर से बाहर निकालने का षड्यंत्र रचा गया ताकि वो दिल्ली छोड़कर कहीं भी जा सकें।

दिल्ली को और झटके मत दीजिए केजरीवाल जी! ताहिर, शाहरुख़ और शरजील अभी भी लोगों के जेहन में हैं

सड़क पर पिस्टल लहरा कर गोलीबारी करते शाहरुख़ को देश भुला नहीं है। शरजील इमाम और वारिस पठान जैसे नेताओं के बयान अभी भी जेहन में हैं। फैसल फ़ारूक़ के स्कूल को दंगाइयों द्वारा अटैक बेस बनाया जाना याद ही होगा। ताहिर हुसैन ने अपने हजारों लोगों के साथ मिल कर जो कत्लेआम मचाया, उसकी जाँच जारी है। अमानतुल्लाह ख़ान ने जिस तरह दंगाइयों का बचाव किया, वो सभी को पता ही है।

सनकी शासकों से अभिशप्त रही ढिल्लिका: ‘तुगलक’ केजरीवाल के कारण लंदन की जगह वुहान बनने के कगार पर

दिल्ली को लंदन बनाने का दावा करने वाले अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली को वुहान बनने के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। दुर्भाग्य यह है कि जिस जनता के साथ आज उन्होंने छल किया है, उसी को वोट बैंक बनाकर वो तीसरी बार सत्ता में लौटे हैं।

प्रवासी मजदूरों का दिल्ली छोड़ना: पलायन या षड्यंत्र? 5 आँकड़े और 3 स्क्रीनशॉट से समझें हकीकत

जब 24 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा हुई तो पूरा देश उपलब्ध संसाधनों के साथ वायरस को नियंत्रित करने का प्रयास कर रहा था। लेकिन AAP के लोग क्या कर रहे थे? वो #ShameOnNitishKumar को ट्रेंड करवा रहे थे। वो प्रवासी मजदूरों के पलायन का लाइव स्ट्रीमिंग कर रहे थे।

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