Sunday, November 17, 2024

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इतिहास और गाथा

‘मेरे बाबू बाबर के नाती चले थे मस्जिद बनाने और पार्टी (कॉन्ग्रेस) घुस गई…’: जब अयोध्या में चला महंत का फावड़ा, दलित ने रखी...

9 नवंबर 1989 को राम मंदिर का शिलान्यास भले उस जगह से कुछ मीटर दूर करना पड़ा था जहाँ रामलला विराजमान थे, लेकिन इसी तारीख ने यह तय कर दिया था कि भव्य राम मंदिर इस देश में बनकर जरूर खड़ा होगा।

कल्याण सिंह एक प्रयोग हैं, प्रयोग मरते नहीं: वह फॉर्मूला जिसके दम पर BJP आज अपराजेय है, जिसने हिंदुओं को जोड़ा

कल्याण सिंह ने राम का स्वप्न पूरा किया। अब कृष्ण और शिव के स्वप्नों को पूरा करने की बारी हमारी और आपकी है।

अविवाहित रहे, राम मंदिर के लिए जीवन खपा दिया, आपातकाल में 18 महीने की जेल झेली: जानिए कौन हैं VHP के चंपत राय

धामपुर के RSM डिग्री कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर रहे चंपत राय सुप्रीम कोर्ट में चली राम मंदिर के मुकदमे की सुनवाई में मुख्य पैरोकार एवं पक्षकार रहे हैं।

कोठारी बंधुओं के नाम होगी अयोध्या में सड़क, 31 सालों बाद बलिदान को मिलेगा सम्मान: जानिए कौन थे राम कुमार और शरद

एक इंस्पेक्टर ने शरद को घर से बाहर निकाल सड़क पर बिठाया और सिर को गोली से उड़ा दिया। छोटे भाई के साथ ऐसा होते देख रामकुमार भी कूद पड़े। इंस्पेक्टर की गोली रामकुमार के गले को भी पार कर गई। दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

60 साल से गुफा में रह रहे 83 साल के इस संन्यासी ने राम मंदिर को दिए ₹1 करोड़: भौचक रह गए बैंककर्मी

ऋषिकेश नीलकंठ पैदल मार्ग पर गुफा में रहने वाले एक संन्यासी ने समर्पण निधि के रूप में श्रीराम मंदिर ट्रस्ट को एक करोड़ रूपए द‍िए हैं।

राम मंदिर के लिए ₹20 का दान (मृत बेटे के नाम से भी) – गरीब महिला की भावना अमीरों से ज्यादा – वायरल हुआ...

दान की मात्रा अहम नहीं बल्कि दान की भावना देखी जाती है। इस वीडियो से एक बात साफ है कि 80 वर्षीय वृद्ध महिला की भगवान राम के प्रति आस्था...

‘मंदिर वहीं बनाएँगे’: अयोध्या में मंदिर निर्माण का संकल्प लेकर सोमनाथ से चले आडवाणी का वह ऐतिहासिक भाषण

राम मंदिर आंदोलन में दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी की भूमिका को कोई नहीं भूल सकता। उनकी प्रसिद्ध रथ यात्रा का भाषणवायरल हो रहा है।

6 दिसंबर 1992 इस बात का प्रमाण है कि ‘अयोध्या’ वही है, जिसे युद्ध में पराजित नहीं किया जा सकता

“श्रीराम को अयोध्या से अलग करने का कोई प्रश्न ही नहीं। अयोध्या की पहचान ही राम से है, हिन्दुओं की आस्था के गलत होने का कोई प्रमाण नहीं।”

इस बाल दिवस छपरा के भगेरन तिवारी के बेटे और दरभंगा के अभिराम दास को याद कीजिए

नेहरू के खोखलापन के बारे में आरके लक्ष्मण ने 60 साल पहले बता दिया था। पर भगेरन तिवारी के बेटे और अभिराम दास न होते तो हम और आप यह जान भी नहीं पाते कि जन्मस्थान में बाल मूर्ति का होना भी नेहरू को खटकता था।

‘वहॉं नुकीले पत्थर निकले हैं… तो जमीन को समतल करना पड़ेगा, बैठने लायक करना पड़ेगा’

आज NRC और CAA पर जिस तरह भ्रम का माहौल बनाने की कोशिश हो रही। समुदाय विशेष को उकसाया जा रहा। ऐसा ही कभी अयोध्या में राम मंदिर को लेकर कॉन्ग्रेसियों और वामपंथियों ने किया था। तब संसद में वाजपेयी ने कहा था...

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