राजनैतिक पंडितों के दावे तब भी आज की तरह ही AAP के हक में थे। आप ऐसे ही अति आत्मविश्वास में थी। तब भी वोटों की गिनती 11 तारीख को ही हुई थी। जब नतीजे आए तो सारे दावे, सारा यकीन रेत की महल की तरह ढह गया था।
दिल्ली में 2013 और फिर 2015 में मतदान का नया रिकॉर्ड बना। दोनों ही बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनी। सबसे कम वोटिंग 1998 में हुई थी, जब दिल्ली की सत्ता बीजेपी के हाथ से निकल कर कॉन्ग्रेस के पास चली गई थी।
बकौल रोहित उसके कैब में बैठने के बाद से यह यात्री फोन पर भड़काऊ बातें कर रहा था। शाहीन बाग़ के बारे में बातें कर रहा था। कह रहा था- "इस देश में आग लगने वाली है।"
बीजेपी ने अपनी शिकायत में कहा है कि AAP समर्थकों ने भ्रामक रीक्रिएशन के जरिए भाजपा की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया है। इस स्पूफ में अमित शाह को फिल्म के खलनायक गब्बर के रूप में दिखाया गया है तो वहीं दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी, विजय गोयल और सांसद गौतम गंभीर को डाकुओं के रूप में चित्रित किया गया है।
कोलकाता में CAA के समर्थन में बीजेपी द्वारा कैलाश विजयवर्गीय और मुकुल राय के नेतृत्व में रैली निकाली जा रही थी। लेकिन राज्य की ममता बनर्जी सरकार की पुलिस ने रैली को रुकवाया और उन्हें हिरासत में ले लिया।
2015 में करीब 67% मतदान हुआ था। इस बार भी ऐसा हुआ तो एक करोड़ के करीब वोट पड़ेंगे। दिल्ली में इस वक्त भाजपा के सदस्यों की संख्या 62 लाख के करीब है। इन सभी ने बीजेपी के लिए वोट डाले तो 11 फरवरी को करिश्मा तय है।
कॉन्ग्रेस के एक सांसद हंगामा करते हुए सत्तापक्ष की अग्रिम पंक्ति तक पहुँच गए और स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को घेर लिया। सांसद मणिकम टैगोर आक्रामक ढंग से डॉ हर्षवर्धन के बहुत नजदीक आ गए। जिसके बाद लोकसभा में हाथापाई की नौबत तक आ गई।
हमलावरों ने पहले बीजेपी नेता पर गोली चला दी। गोली बीजेपी नेता के पैरों में जा लगी। जिससे घायल होकर वह जमीन पर गिर गए। इसके बाद उन गुंडों ने धारदार चाकू से उनके दम तोड़ने तक ताबड़तोड़ वार किए।
शिखा राय को श्रीनगर में झंडा फहराने के बाद पुलिस कस्टडी में प्रताड़ित किया गया था। सुषमा स्वराज ने शिखा राय को लगभग 25 वर्षों तक अपने मार्गदर्शन में रखा। सुषमा स्वराज जब बीमार पड़ीं तो शिखा ने भी उनका एक बेटी की तरह दिन-रात देखभाल किया।
जस्टिस कैत ने सुनवाई करते हुए कहा कि दोषियों ने सजा में देरी करने की रणनीति अपनाई है। इसलिए मैं सभी दोषियों को 7 दिनों के भीतर उनके कानूनी उपचार के लिए निर्देशित करता हूँ, जिसके बाद अदालत को उम्मीद है कि अधिकारियों को कानून के अनुसार काम करना होगा।