पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के कॉन्ग्रेस से जुड़ने के बाद पार्टी ने अपनी गुजरात इकाई की वेबसाइट पर उनकी सेक्स टेप की तस्वीरों को लगाकर अपने नए नेता का स्वागत किया। खबर तो यही है लेकिन कॉन्ग्रेस के नेता कह रहे हैं कि वेबसाइट हैक हुई है। सच्चाई क्या है...
खबर ये भी है कि पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी, केपीसीसी प्रमुख एवं वर्तमान सांसद मुल्लापल्ली रामचंद्रन और वरिष्ठ नेता वीएम सुधीरन सहित कई वरिष्ठ कॉन्ग्रेसी नेताओं ने लोकसभा चुनाव लड़ने में अनिच्छा जाहिर की है जिससे कॉन्ग्रेसी नेतृत्व की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अगर इसी तरह से कॉन्ग्रेस में शामिल हुए नए नेताओं को बधाई दी जाती रही, तो अब कोई यह अनुमान लगा ही सकता है कि कॉन्ग्रेस के अधिकांश नेता अब डूबते जहाज से क्यों कूद कर किनारा ढूँढ रहे हैं।
मोदी सरकार पर दबाव बनाने के लिए कॉन्ग्रेस अकेले मैदान में नहीं रही बल्कि उसने अपने गोदी मीडिया, सस्ते कॉमेडियन्स, न्यूट्रल पत्रकारों के गिरोह और अवार्ड वापसी गैंग जैसी घातक टुकड़ियों को भी इस प्रक्रिया में एड़ी-छोटी का जोर लगाने पर मजबूर किया।
कॉन्ग्रेस से अरविंद ने करनाल लोकसभा से 2004 और 2009 में चुनाव लड़ा और यहाँ से उन्होंने दोनों बार जीत हासिल की, तीसरी बार 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें भाजपा के अश्विनी चोपड़ा से हार का मुंह देखना पड़ा। फिर उन्होंने कॉन्ग्रेस छोड़ दी।
करोड़ों रुपये के सौर ऊर्जा निवेश घोटाले के एक आरोपी सरिता एस नायर ने एर्नाकुलम कॉन्ग्रेस के विधायक हिबी एडेन पर बलात्कार और राज्य के पूर्व मंत्रियों अदूर प्रकाश एवं ए पी अनिल कुमार के साथ अभद्रता करने का आरोप लगाया है।
इस पूरे प्रकरण में एक ओर शीला दीक्षित तो दूसरी ओर राहुल गाँधी, पीसी चाको, अजय माकन और आम आदमी पार्टी दिख रही है।
शीला दीक्षित का कहना है कि उन्हें सर्वे के दौरान जानकारी नहीं दी गई।
कॉन्ग्रेस प्रवक्ता रह चुके टॉम वडक्कन सोनिया गांधी के क़रीबी भी माने जाते थे। लेकिन, बीजेपी में शामिल होने के साथ ही उन्होंने कॉन्ग्रेस पर जमकर हमला बोला है।