राहुल जी की रैली थी तो जैसा कि हमेशा होता है राफेल का जिक्र हुआ। उन्हें आज भी सही आंकड़ा याद नहीं था। 7 दिन पहले का 45,000 करोड़ आज 1 हजार लाख करोड़ हो गया (अंक में लिखना पड़ा क्योंकि मुझे 1 हजार लाख करोड़ लिखना नहीं आता)।
तिवारी जी आ गए छौंक लगाने। मोदी सरकार से पहले बजट पेश कर दिया। संसद में नहीं, सोशल मीडिया पर। ऊपर से लिख दिया कि इसे सरकार ने ही लीक किया है। हद कर दी तिवारी जी आपने!
CBI ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार शत्रुतापूर्ण व्यवहार कर रही है और शारदा घोटाले मामले में, राज्य स्तर के सरकारी तंत्र ने सभी सबूतों को नुक़सान पहुँचाया है।
भाजपा के उम्मीदवार कृष्णा मिड्ढा ने जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय चौटाला को 12,248 मतों से हराया। रणदीप सुरजेवाला तीसरे स्थान पर रहें और उन्हें बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा।
गरीबों को न्यूनतम आय देने वाली यह योजना अगर अस्तित्व में आती है तो सरकार पर वित्तीय भार बढ़ जाएगा। क्योंकि पहले से ही सरकार गरीबों को सब्सिडी दे रही है और कई राज्यों ने किसान कर्ज़माफ़ी भी शुरू कर दी है।
सभी के सभी 13 सभासद 'अल्पसंख्यक' समाज से आते हैं। कॉन्ग्रेस के लिए यह घाव तब भगंदर बन गया, जब ख़बर में यह भी है कि ना सिर्फ 13 सभासदों ने बल्कि अल्पसंख्यक समाज की कई महिलाएँ और पुरुषों ने भी 'कमल' को ही अपना लिया।
मायावती ने राहुल के इस वादे पर सवाल उठाया कि ग़रीब को न्यूनतम आय देने का वादा, कॉन्ग्रेस के ‘ग़रीबी हटाओ’ और बीजेपी के ‘अच्छेदिन’ जैसा ही मज़ाक तो नहीं है ।