एम्स के एक नर्स का कहना है कि ग़लती डॉक्टर की ही है लेकिन जानबूझ कर उसे हीरो बनाया जा रहा है। मीडिया में फैलाया जा रहा है कि वो मरीजों का इलाज करते हुए बीमार पड़ा, उसे मरीजों से संक्रमण हुआ। मुस्लिम होने के कारण उसकी पहचान छिपाई जा रही है।
महिला के परिवार की तरफ से शव लेने से इंकार करने के बाद सारी औपचारिकताएँ ड्यूटी मजिस्ट्रेट जगसीर सिंह ने पूरी की और शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट पहुँचाया। परिजन अंतिम संस्कार को दूर अपनी कार में ही बैठकर देखते रहे। वे कार से उतरे भी नहीं।
पुलिस के पास पहुँची ऑडियो क्लिप में विधायक दावा कर रहा है कि क्वारंटाइन सेंटर्स में लोग मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं, जबकि वास्तविकता में वो बिलकुल फिट और स्वस्थ हैं। वे वहाँ स्वस्थ लोगों को इंजेक्शन देते हैं, ताकि वो बीमार हो जाएँ और कोरोना मरीज बन जाएँ।
ग्वालियर में 18 मार्च को मरकज़ से लौटे 14 जमातियों की शिनाख्त हुई है। इनमें से 6 जमाती ही जंगल के अंदर दावलपीर दरगाह में छिपकर मुर्गा पार्टी कर रहे थे। जिसकी सूचना मिलने के बाद पुलिस ने इन्हें 144 का उल्लंघन करने पर पकड़ लिया।
"तबलीगी जमात की दुर्भाग्यपूर्ण घटना का इस्तेमाल पूरे मुस्लिम समुदाय को दोष देने में किया जा रहा है। मुस्लिम समाज के लोगों को गलत तरीके से पेश करने की वजह से मुस्लिमों की जिंदगी और उनकी आजादी को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इस वजह से संविधान की धारा-21 के तहत मिले जीवन के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।"
"सतलखा गाँव में जहाँ पर यह घटना हुई है, वहाँ पर कुछ घर इस्लाम धर्म को मानने वाले हैं। जब हिंदू परिवारों ने उनसे लाइट बंद कर दीप जलाने के लिए कहा, तो वो गाली-गलौज करने लगे। इसी बीच कैली देवी उनको मना करने गईं कि गाली-गलौज क्यों करते हो, ये सब मत करो। तभी उन लोगों उनका गला पकड़कर..."
जमातियों की इस हरकत की सूचना सफाईकर्मी ने वरिष्ठ अधिकारियों को दी। इस हरकत की खबर फौरन नरेला इंडस्ट्रियल थाना पुलिस को दी गई और पुलिस ने बाराबंकी निवासी मो. फहद और अदनान जहीर के खिलाफ मामला दर्ज किया।
शाहिद कबूतर, मजिद मामू और मोहसिन कचौड़ी ने मिलकर दो पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया। जब तक बाकी पुलिस कर्मी उनके पास मदद करने पहुँचते, आरोपित हमला कर भागने में कामयाब हो गए। तीनों के साथ घूम रहे 15 लोगों की तलाश की जा रही है।
राज्य में एक एक्सपर्ट कमेटी बनाई जा चुकी है जो इस बात की जाँच करेगी कि जिनकी मृत्यु कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद हुई है क्या वाकई उनकी मौत का कारण कोरोना संक्रमण ही है।
हरिद्वार में जमातियों की तलाश के लिए पुलिस टीम गठित की गई है। देहरादून के डोईवाला में केशवपुरी और झबरावाला बस्ती को सील कर दिया गया है। यहाँ दो जमाती कोरोना पॉजिटिव पाए गए। जो 64 जमाती प्रशासन के सामने आए हैं, वो तबलीगी जमात से जुड़े हैं।