अबरार ने जो फर्जी न्यूज शेयर की थी, उसमें कहा गया था कि वैष्णो देवी के मंदिर में फँसे 400 लोगों में से 145 लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया है। बाकियों का टेस्ट जारी है और नए मामले भी सामने आ सकते हैं।
“जब मेरी पत्नी को प्रसव पीड़ा हुई तो मैंने 108,102,1031 आदि कई हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया। मगर संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद मैंने दिल्ली पुलिस को कॉल किया, जो 20 मिनट में हमारे पास पहुँची और हमें अस्पताल ले गई।"
ये पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह की हरकत की है। कुछ ही दिनों पहले स्पेन ने चीन से 467 मिलियन यूरो के चिकित्सा उपकरण खरीदे थे, जिसमें 950 वेंटिलेटर्स, 5.5 मिलियन टेस्टिंग किट्स, 11 मिलियन ग्लव्स और 50 करोड़ से ज्यादा फेस मास्क शामिल थे। इन खरीदी गईं मेडिकल टेस्टिंग किट्स व उपकरणों में से ज्यादातर किसी काम के नहीं थे।
एक अप्रैल को शहर के जिस इलाके में डॉक्टरों पर पथराव किया गया था वहॉं से 10 संक्रमित मिले हैं। मरने वालों में 42 वर्षीय व्यक्ति से लेकर 80 साल की बुजुर्ग महिला तक शामिल हैं। इस बीच एक संक्रमित लड़की के लिफ्ट लेकर अस्पताल से घर पहुॅंच जाने का मामला भी सामने आया है।
आरिफ ने बताया कि वो रात भर साइकिल चला कर गुजरात-राजस्थान सीमा तक पहुँचे थे। अगली सुबह गुजरात पुलिस के कुछ जवान उन्हें मिले। उन्होंने उनके लिए न सिर्फ़ जम्मू-कश्मीर जाने का प्रबंध किया, बल्कि भोजन की भी व्यवस्था की।
1. लोटन निषाद चाय की दुकान पर जाते हैं। 2. तबलीगी जमातियों और कोरोना संक्रमण को लेकर टिप्पणी करते हैं। 3. पास में ही मोहम्मद सोना बैठा होता है। 4. दोनों के बीच विवाद होता है, मारपीट शुरू होती है। 5. मो. सोना तमंचे से फायर कर लोटन निषाद की जान ले लेता है।
“सरकार और पुलिस डर की भावना पैदा करने के लिए ऐसे बयान दे रही है। कुछ नहीं होगा। कराची 20 मिलियन का शहर है, सरकार हर नुक्कड़ या हर सभा में अपना फैसला लागू नहीं कर सकती है।”
आदत से मजबूर सबा नकवी ने एक पुराना विडियो ट्वीट किया और दावा किया कि हिंदू भी बड़े पैमाने पर लॉकडाउन का उल्लंघन कर रहे हैं। विडियो में अयोध्या के मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ दिखाई पड़ रही थी।
कानपुर में जमातियों से परेशान डॉक्टरों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी को पूरे मामले की रिपोर्ट भेजी। इसमें कहा गया कि ये लोग सोशल डिस्टेंसिंग का मजाक उड़ा रहे हैं। एक जगह जमा होकर नमाज अदा कर रहे हैं।
दिल्ली पुलिस यह पता करने में जुटी है कि उन जमातियों ने इमरान से कैसे संपर्क साधा या फिर इमरान उन्हें कैसे जानता था। पुलिस को आशंका है कि इमरान ने पहले भी जमातियों को बॉर्डर पार कराया होगा।