“हमें जानकारी मिली थी कि बड़ी संख्या में लोग आवश्यक वस्तुओं को लेने के लिए विधायक के आवास पर एकत्र हुए हैं। वहाँ पर लगभग एक हजार लोग थे। यह राज्य सरकार द्वारा लगाई गई धारा 144 का उल्लंघन है। भारतीय दंड संहिता की धारा 188 और 279 के तहत कार्रवाई की जाएगी।”
अतिरिक्त मुख्य सचिव (परिवहन) और प्रधान सचिव (वित्त) को त्वरित प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। ये डिविजनल कमिश्नर का पद भी संभालते थे। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह एवं भूमि इमारत) और सीलमपुर के सब डिविजनल मेजिस्ट्रेट को कारण बताओ नोटिस दिया गया है।
पंजाब में अब तक सामने आए 38 कोरोना पॉजिटिव मामलों में से 28 सीधे तौर पर इसी "सुपर स्प्रेडर" (ऐसा संक्रमित व्यक्ति, जो वायरस के बहुत तेजी से फैलने में सहायक होता है) बलदेव सिंह से जुड़े हुए हैं। अब तक सिंह के परिवार के 14 सदस्य कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिनमें उनके तीनों बेटे, बेटी, बहू और 6 नाती/पोते शामिल हैं।
संभलिए, मान जाइए, घर पर रह कर जंग लड़ने के इस आसान से अवसर को गँवा कर बड़ी जंग मत हारिए। सारा विश्व इस साझी समस्या का शिकार है और इस रूप में ही सही, सम्पूर्ण मानवता अब एक परिवार की तरह नज़र आ रही है। यानी मजबूरियाँ हमें ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तक ले आई हैं, अब हमें अपने प्रयासों से इसे ‘सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे सन्तु निरामया:’ की ओर ले जाना है।
पुलिस ने कॉल कर रहे शख्स को समोसे तो दी ही लेकिन इसके बदले में उससे सामाजिक कार्य के तहत नाली साफ़ करवाई गई। ताकि कम से कम उसे आगे से इस बात का ध्यान रहे कि उसे पुलिस कण्ट्रोल रूम में अनावश्यक रूप से कॉल नहीं करना है - कम से कम चार समोसे मँगवाने के लिए तो फोन नहीं ही करना है 🙂
अरविंद केजरीवाल ने उन्हीं लोगों को धोखा दिया है, जिनके बल पर वह सत्ता पाता है। वो जानता था कि दिल्ली में वो 2 लाख लोगों की कोई व्यवस्था नहीं कर सकता। ऐसे में अफवाहें फैलाई गई और उन गरीब मजदूरों को घर से बाहर निकालने का षड्यंत्र रचा गया ताकि वो दिल्ली छोड़कर कहीं भी जा सकें।
कुछ का 'बिजनेस टूर' जहाँ बैंकॉक पटाया और मकाऊ में पूरा हुआ तो कुछ वृन्दावन को दिल में याद करते फुकेट उड़ लिए। घरवालों का गुस्सा इनके ट्रेवल ऑपरेटर्स पर भी निकल रहा है, जो बेचारे कहते घूम रहे हैं कि उनका क्या दोष है इसमें जब आपके पति को ही भजन-कीर्तन करने थाईलैंड जाना था!
सड़क पर पिस्टल लहरा कर गोलीबारी करते शाहरुख़ को देश भुला नहीं है। शरजील इमाम और वारिस पठान जैसे नेताओं के बयान अभी भी जेहन में हैं। फैसल फ़ारूक़ के स्कूल को दंगाइयों द्वारा अटैक बेस बनाया जाना याद ही होगा। ताहिर हुसैन ने अपने हजारों लोगों के साथ मिल कर जो कत्लेआम मचाया, उसकी जाँच जारी है। अमानतुल्लाह ख़ान ने जिस तरह दंगाइयों का बचाव किया, वो सभी को पता ही है।
योगी सरकार ने जेपी स्पोर्ट्स सिटी यमुना एक्सप्रेस वे टाउनशीप का अधिग्रहण करते हुए फैसला लिया है कि इसे प्रवासियों के शेल्टर होम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही रहने-खाने और चिकित्सकीय सुविधाओं का भी इंतजाम किया जाएगा।
गोपालकृष्ण मड़ीवाला ने खुद को इसलिए फाँसी लगा ली थी क्योंकि उन्हें शक था कि वह कोरोना वायरस की चपेट में आ गए हैं। मरने से पहले उन्होंने एक चिट्ठी भी लिखी है, जिसमें अपने परिवार से सुरक्षित रहने के लिए कहा है।