“अगर आपके घर कुछ लड़के-लड़कियाँ आते हैं और कहते हैं कि वो मेडिकल के स्टूडेंट हैं और आपका शूगर या बीपी या कोई अन्य ब्लड टेस्ट फ्री में करने के लिए बोलते हैं तो आप तुरंत पुलिस को फोन करें क्योंकि वो आतंकवादी संगठन के लोग हैं और उनके इंजेक्शन में एड्स का वायरस है जो वो ब्लड लेने के बहाने आपके शरीर में डाल देंगे। किसी भी अनजान व्यक्ति को अपने घर में न घुसने दें। जनहित में जारी।”
VIRAL IN INDIA द्वारा शेयर पोस्ट में बताया गया है कि तेजस का खाना खाने से 24 यात्रियों की हालत खराब हो गई और 3 लोग ICU में भर्ती है। इस पोस्ट में एक ओर खाने की तस्वीर दिखाई गई और दूसरी ओर तेजस ट्रेन की। पोस्ट के कैप्शन में लिखा है कि ये हाल है देश की सबसे अच्छी ट्रेन का।
NDTV की एंकर सोनल मेहरोत्रा कपूर ने असम में सरकारी नौकरियों के लिए दो-बच्चे से संबंधित खबर को पढ़ते हुए दावा किया कि दो से अधिक बच्चे वाले लोग असम में सरकारी नौकरी पाने के पात्र नहीं होंगे, जबकि असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के ख़ुद 6 बच्चे हैं।
थरूर ने नेहरू-इंदिरा की जो फोटो शेयर की वह न अमेरिका की थी और न 1954 की। फोटो मॉस्को की है जिसे 1955 में क्लिक किया गया था। नेहरू को महान और मोदी को नीचा दिखाने का थरूर का दाँव उलटा पड़ गया और उनसे लोगों के सवाल का जवाब देते नहीं बना।
जब से इसकी शुरुआत हुई थी, तभी से हिन्दू-विरोधी प्रोपेगंडा के सबसे मुखर स्वरों में इसकी गिनती होने लगी थी। जिस भी अपराध में आरोपित हिन्दू हो और पीड़ित गैर-हिन्दू, वह अपने-आप 'Hate Crime' हो जाता था लेकिन इसी के उलट वाले मामलों में लीपापोती करते थे।
वामपंथी विचारधारा (हम जो कह दें, वही सत्य है) वाले अविनाश दास ने एक फर्जी नोटिस को ट्विटर पर टाँग तो दिया लेकिन फैक्ट चेक के जमाने में बेचारे खुद टँग गए। 2-4 की-वर्ड अगर गूगल कर लेते तो शायद छीछालेदर से बच जाते। लेकिन ऐसा करते तो फिर वामपंथी कैसे कहलाते!
जब राजदीप कहते हैं कि 19 लाख लोगों को लिस्ट से.... उसी समय सौरभ द्विवेदी ऊँगली उठाकर बेहद दार्शनिक मुद्रा में और पूरे आत्मविश्वास के साथ राजदीप सरदेसाई को 'सही' करते हुए कहते हैं 'इकतालीस लाख..' इतना सुनते ही राजदीप एक कदम और आगे जाते हुए कहते हैं- "हाँ....हाँ वही इकतालीस लाख, उन्नीस लाख को मिलाकर।
क्या रोमिला थापर जेएनयू जैसे बड़े संस्थानों के नियम-क़ायदों से ऊपर हैं? क्या वह किसी संस्था में उसके नियम-क़ानून का पालन किए बिना बने रहना चाहती हैं। आख़िर उनके के पास ऐसा क्या है कि जेएनयू उनके कहे अनुसार अपना काम करे?
क्या कोर्ट ने लियो टॉलस्टॉय की क्लासिक कृति 'वॉर एंड पीस' को लेकर आपत्ति जताई और अर्बन नक्सल के घर में यही पुस्तक मिली? सोशल मीडिया के ठेकेदार कह रहे हैं कि मोदी भी तो ये पुस्तक पढ़ते हैं। जानिए इस प्रोपगंडा के पीछे की सच्चाई।
"सऊदी के एक व्यक्ति ने एयरक्राफ्ट के मॉडल की जगह गलती से असली एयरक्राफ्ट्स ख़रीद ली। 329 मिलियन यूरो ख़र्च कर उसने ऐसा किया और बाद में कहा कि इतना मूल्य उचित है। अर्थात, उसने 2600 करोड़ से भी अधिक रुपए ख़र्च कर दिए।"