ET ने दावा किया कि सरकार दूसरी वेव को मानने से इंकार कर रही थी इसलिए वह इस स्थिति के लिए उत्तरदायी है। अपने इस दावे को सही साबित करने के लिए उन्होंने प्रोफेसर को गलत तरीके से कोट किया।
इस पूरे मामले को देखने के बाद यही प्रतीत होता है कि स्क्रॉल ने जानबूझकर भ्रामक शीर्षक दिया जिससे शीर्षक देखने पर ही यह प्रतीत हो कि उत्तर प्रदेश में मदद माँगने पर भी एफआईआर हो रही है।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने इस फेक न्यूज पर कहा कि वार्ड में मरीजों के लिए ऑक्सीजन के आउटलेट पॉइंट बढ़ा रहे थे, ऐसे में इमरजेंसी वार्ड में ऑक्सीजन की कमी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता।
बाबा रामदेव ने कहा कि कोरोना वायरस संक्रमितों के विषय में जो बताया गया ऐसे सभी दावे अफवाह मात्र हैं। उन्होंने कहा कि वह रोजाना सुबह 5 से 10 बजे तक स्वास्थ्य और योग से जुड़े लाइव कार्यक्रम करते हैं।
ये दुर्भावनापूर्ण और सुनियोजित ढंग से उत्तर प्रदेश सरकार की प्रतिष्ठा खराब करने का प्रयास है। नोएडा पुलिस आरोपितों के विरुद्ध एफआईआर कर चुकी है और आगे अफवाह फैलाने वालों और इस मुश्किल घड़ी में पैनिक क्रिएट करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी।