Tuesday, March 19, 2024
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अभिसार, रवीश, इमरान प्रतापगढ़ी, आदेश, काशिफ… टोपी वाले यूनुस से अनुभव की चिता को मुखाग्नि दिलाने वाला गैंग

“अनुभव शर्मा के परिजन नहीं आए तो आँखों में आँसू लिए टोपी वाले दोस्त यूनुस ने मुखाग्नि दी। ज़िन्दाबाद यूनुस साहब!” - खबर फेक साबित होने के बाद यह गैंग अब अपने पुराने ढर्रे पर चलते हुए...

एक तरफ जहाँ देश में महामारी बढ़ रही है वहीं दूसरी ओर प्रोपेगेंडा फैलाने वाले वामपंथी और लिबरल पत्रकार भी तेजी से सक्रिय होते नजर आ रहे हैं। ये पत्रकार महामारी की आड़ में हिन्दू घृणा और फेक न्यूज के माध्यम से अपना प्रोपेगेंडा समाज में प्रसारित कर रहे हैं।

हाल ही में मुजफ्फरनगर में अनुभव शर्मा नाम के एक व्यक्ति की मृत्यु को एजेंडा बनाकर इन वामपंथी पत्रकारों ने फेक न्यूज फैलाई और अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से बताया कि जब अनुभव शर्मा की मृत्यु के बाद दाह संस्कार के लिए उनके परिजन आगे नहीं आए तो मोहम्मद यूनुस ने उनका दाह संस्कार किया।

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई, जिसमें एक जलती हुई चिता और एक मुस्लिम युवक दिखाई दे रहा है। फिर क्या था, अभिसार शर्मा, रवीश कुमार और मोहम्मद जुबैर जैसे पत्रकार गिरोह ने इसे शेयर करना शुरू कर दिया। इस तस्वीर को शेयर करके बताया गया कि अनुभव शर्मा Covid-19 से संक्रमित थे। ऐसे में जब उनके परिवार के लोग भी दाह संस्कार के लिए आगे नहीं आए तब मोहम्मद यूनुस नाम के एक मुस्लिम ने अनुभव का दाह संस्कार किया। इस तस्वीर को शेयर करते हुए इस वामपंथी पत्रकार गिरोह ने धर्म निरपेक्षता का राग जम कर अलापा।

अमर उजाला ने भी 25 वर्षीय अनुभव शर्मा की मृत्यु और मोहम्मद यूनुस द्वारा उनके दाह संस्कार की खबर प्रकाशित की। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि अनुभव शर्मा Covid-19 से संक्रमित थे।

अनुभव शर्मा की मृत्यु और इस पूरे मामले का सच :

स्वराज्य द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि अनुभव शर्मा के बड़े भाई शरद शर्मा ने इस पूरे मामले पर सच्चाई बताई। शरद शर्मा ने कहा कि अनुभव की मृत्यु कोरोना वायरस संक्रमण से नहीं हुई है और उनका दाह संस्कार भी परिवार के सदस्यों के द्वारा ही किया गया। मोहम्मद यूनुस के बारे में शरद ने बताया कि वह उनका ड्राइवर था और अनुभव शर्मा का अच्छा दोस्त भी। वह दाह संस्कार के समय उनके साथ ही था लेकिन दाह संस्कार शरद ने ही किया। शरद शर्मा ने बताया कि यूनुस चिता में आग को बनाए रखने के लिए ‘राल’ डाल रहा था, उसी समय उसकी फोटो खींच ली गई जिसे सोशल मीडिया पर इस रूप में प्रसारित कर दिया गया कि अनुभव शर्मा का दाह संस्कार उसी ने किया है।

द वायर के स्तंभकार, मोहम्मद जुबैर और रवीश कुमार की फेक न्यूज :

लिबरल गिरोह ने तुरंत ही अमर उजाला की यह रिपोर्ट लपक ली और निकल पड़े समाज में फेक न्यूज के माध्यम से भाईचारा बाँटने। एनडीटीवी के क्रांतिकारी पत्रकार रवीश कुमार ने आदेश रावल के ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया और लिखा, “सोचिए, समझिए और जागिए”

रवीश कुमार के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

अभिसार शर्मा ने इसे फेसबुक पर शेयर करते हुए लिखा, “मुजफ्फरनगर में अनुभव शर्मा का अंतिम संस्कार मोहम्मद यूनुस ने किया। जिस दिन आप धर्म की ‘हिपोक्रेसी’ को समझ जाएँगे, रेत की यह दीवार गिर जाएगी।“

अभिसार शर्मा के फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट

न्यूजक्लिक के साथ काम करने वाले काशिफ ककवी, जो कि द वायर और द क्विंट जैसी न्यूज वेबसाइट में स्तंभकार भी है, ने अपने ट्विटर पर लिखा, “मुजफ्फरनगर के अनुभव शर्मा की कोविड से मौत हो गई। उसके परिजन अंतिम संस्कार को सामने नहीं आए तो आँखों में आँसू लिए टोपी वाले दोस्त यूनुस ने मुखाग्नि दी।“ काशिफ के इस ट्वीट को स्व-घोषित फैक्ट-चेकर मोहम्मद जुबैर ने बिना फैक्ट चेक किए ही रिट्वीट कर दिया।

काशिफ ककवी के पोस्ट का स्क्रीनशॉट

हालाँकि जैसे ही यह खबर फेक निकली, ककवी ने स्पष्टीकरण देते हुए भ्रामक जानकारी देने के लिए माफी माँगी।

ककवी की माफी

एक और कथित पत्रकार आदेश रावल ने अभिसार शर्मा की तरह ही कैप्शन लिखकर वायरल फोटो को पोस्ट किया।

आदेश रावल की ट्विटर पोस्ट का स्क्रीनशॉट

इस फोटो को शेयर करते हुए इमरान प्रतापगढ़ी ने लिखा, “ये तस्वीर मुजफ्फरनगर से आई है। अनुभव शर्मा की चिता को मुखाग्नि मोहम्मद यूनुस। ज़िन्दाबाद यूनुस साहब!”

इमरान प्रतापगढ़ी की पोस्ट का स्क्रीनशॉट

फोटो पर प्रतिक्रिया देते हुए अनुभव शर्मा के बड़े भाई शरद शर्मा ने कहा कि यह फोटो खींचने का समय नहीं था लेकिन जिसने भी यह फोटो खींची है, उसके पास मेरी और मेरे परिवार की फोटो भी होगी।

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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