Saturday, July 27, 2024
Homeफ़ैक्ट चेकमीडिया फ़ैक्ट चेकScroll ने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए दिया भ्रामक शीर्षक, अमेठी में...

Scroll ने योगी सरकार को बदनाम करने के लिए दिया भ्रामक शीर्षक, अमेठी में ऑक्सीजन की झूठी कमी का मामला

पुलिस ने यह भी बताया कि सनसनी और ऑक्सीजन की कमी का डर फैलाने के उद्देश्य से किए गए इस ट्वीट के बाद शशांक यादव सो गया और पुलिस के फोन लगाने पर कोई भी जवाब नहीं दिया। पुलिस ने इस चिंता से कि हो सकता है कोई आपात स्थिति हो, यादव का फोन ट्रेस किया और उस तक पहुँची।

जहाँ देश में एक ओर Covid-19 महामारी लगातार बढ़ती जा रही है वहीं दूसरी ओर वामपंथी और लिबरल न्यूज समूह फेक न्यूज और प्रोपेगंडा फैलाने से बाज नहीं आ रहे हैं। हाल ही में वामपंथी न्यूज वेबसाइट स्क्रॉल ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को बदनाम करने के लिए एक भ्रामक शीर्षक प्रकाशित किया। स्क्रॉल का शीर्षक कुछ ऐसा था कि उससे यही प्रतीत होता कि उत्तर प्रदेश में सहायता माँगने पर एक आदमी के ऊपर एफआईआर दर्ज हो गई।

स्क्रॉल के द्वारा प्रकाशित लेख का शीर्षक था, ‘FIR filed against man who sought Twitter help for oxygen for grandfather in Uttar Pradesh’. स्क्रॉल के शीर्षक से यही लग रहा था कि ट्विटर के माध्यम से ऑक्सीजन की सहायता माँगने वाले व्यक्ति पर उत्तर प्रदेश में एफआईआर दर्ज कर दी गई है।

स्क्रॉल के लेख का स्क्रीनशॉट जहाँ भ्रामक शीर्षक दिखाई दे रहा है

स्क्रॉल के लेख में बताया गया है कि ट्विटर पर ऑक्सीजन के लिए सहायता माँगने वाले शशांक यादव पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। हालाँकि उस पर ऑक्सीजन की कमी की अफवाह फैलाने और झूठा ट्वीट करने का आरोप है।

The Indian Express के हवाले से स्क्रॉल ने कहा कि पुलिस ने बताया है कि यादव अपने ट्वीट के माध्यम से भ्रामक जानकारी दी थी। स्क्रॉल के लेख में एक पुलिस अधिकारी का भी जिक्र था जिसने बताया कि यादव ने ऑक्सीजन की आपूर्ति और कोरोनावायरस पर भ्रामक जानकारी दी। हालाँकि इतनी जानकारी होने के बाद भी स्क्रॉल ने अपने शीर्षक को भ्रामक ही बनाए रखा।

स्क्रॉल के लेख का एक हिस्सा जहाँ इंडियन एक्स्प्रेस के हवाले से खबर दी गई है

शशांक ने पुलिस को किया गुमराह, न तो उसका कोई संबंधी कोविड-19 था न ही उसे ऑक्सीजन की जरूरत थी:

पुलिस ने बताया कि शशांक ने अपने ट्वीट में जिस मरीज का जिक्र किया था वह शशांक के नाना थे ही नहीं बल्कि उसके किसी चचेरे भाई के नाना थे। उनकी उम्र 88 वर्ष थी और वह न तो कोविड-19 से संक्रमित थे और न ही उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत थी। उनकी मृत्यु हार्ट अटैक से हुई।

पुलिस ने यह भी बताया कि सनसनी और ऑक्सीजन की कमी का डर फैलाने के उद्देश्य से किए गए इस ट्वीट के बाद शशांक यादव सो गया और पुलिस के फोन लगाने पर कोई भी जवाब नहीं दिया। पुलिस ने इस चिंता से कि हो सकता है कोई आपात स्थिति हो, यादव का फोन ट्रेस किया और उस तक पहुँची।

शशांक यादव के ऊपर एपिडेमिक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया और सीआरपीसी की धारा 41 के अंतर्गत उसे नोटिस दिया गया। हालाँकि, अमेठी पुलिस ने बताया कि शशांक को नोटिस और भविष्य के लिए चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है।

इस पूरे मामले पर द वायर की पत्रकार आरफा खानम शेरवानी ने केन्द्रीय मंत्री और अमेठी सांसद स्मृति ईरानी से मदद करने की अपील की। जिस पर संज्ञान लेते हुए स्मृति ईरानी ने अमेठी पुलिस और जिलाधिकारी को शशांक की मदद का निर्देश दिया।

इस पूरे मामले को देखने के बाद यही प्रतीत होता है कि स्क्रॉल ने जानबूझकर भ्रामक शीर्षक दिया जिससे शीर्षक देखने पर ही यह प्रतीत हो कि उत्तर प्रदेश में मदद माँगने पर भी एफआईआर हो रही है।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

‘तुम कोटा के हो ब#$द… कोटा में रहना है या नहीं तुम्हें?’: राजस्थान विधानसभा में कॉन्ग्रेस विधायक ने सभापति और अधिकारियों को दी गाली,...

राजस्थान कॉन्ग्रेस के नेता शांति धारीवाल ने विधानसभा में गालियों की बौछार कर दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सदन में सभापति को भी धमकी दे दी।

अग्निवीरों को पुलिस एवं अन्य सेवाओं की भर्ती में देंगे आरक्षण: CM योगी ने की घोषणा, मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ सरकारों ने भी रिजर्वेशन...

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी और एमपी एवं छत्तीसगढ़ की सरकार ने अग्निवीरों को राज्य पुलिस भर्ती में आरक्षण देने की घोषणा की है।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -