महाराष्ट्र की 288 सीटों पर भाजपा इस समय 192 सीटों से आगे होकर पूरे चुनाव को एकतरफा करती दिखाई दे रही है। इसी तरह हरियाणा की 90 सीटों पर भाजपा 43 सीटों के साथ बढ़त बनाए हुए है, जबकि कॉन्ग्रेस कांटे की टक्कर देते हुए 36 सीटों पर आगे है।
विधानसभा के दौरान 18 ऐसे नेता थे, जिन्हें कॉन्ग्रेस ने पार्टी-विरोधी गतिविधियों में संलग्न रहने का आरोप लगा कर 6 साल के लिए निकाल बाहर किया था। वहीं अशोक तँवर को लेकर पार्टी ने अभी तक स्थिति साफ़ नहीं की है, जिन्होंने चुनाव के दौरान जम कर जेजेपी का प्रचार किया।
एसपी ने बताया कि या तो वो ख़ुद वहाँ पहुँच रही हैं या फिर पुलिस के अन्य अधिकारी व कर्मचारी वहाँ जाकर हालात को सामान्य कर रहे हैं। कुल मिलाकर नूह जिले के तीनों ही विधानसभा क्षेत्रों में लगातार बूथों पर कार्यकर्ताओं के उलझने और घायल होने की खबरें मिल रही हैं।
जब वरिष्ठ कॉन्ग्रेस नेता हुड्डा वोट डालने पहुँचे, तब पहले से ही कई महिलाएँ वोट डालने के लिए कतार में लगी हुई थीं और अपनी बारी का इंतजार कर रही थी। हुड्डा ने उन महिलाओं को धक्के देकर किनारे किया और ख़ुद अपनी बारी का इंतजार करने की बजाय कतार में आगे आकर वोट डाला।
17 राज्यों की 51 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए भी वोट डाले जा रहे हैं। इनमें से करीब 30 सीटें भाजपा और उसके सहयोगी दलों के पास थीं। 2 लोकसभा सीटों पर भी उपचुनाव हो रहा है।
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की बहू और डबवाली से विधायक नैना चौटाला से जब गोल्डी गोयल ने उनकी रैली को लेकर और बसपा से उनकी जेजेपी का गठबंधन टूटने को लेकर सवाल पूछे तो वो अचंभित हो उठीं। उन्होंने गोल्डी की जानकारी को लेकर...
कॉन्ग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने हरियाणा चुनाव से हाथ खींच लिए हैं, इस चुनावी माहौल में हरियाणा के महेंद्रगढ़ में अपनी पहली चुनावी रैली से ठीक पहले ही आखिरी वक़्त पर जनसभा को संबोधित करने नहीं पहुँचीं।
"5 साल पार्टी में उस औरत की तरह अत्याचार सहन किया, जिसका पति शराबी होता है, जो उसे पीटता है। मगर वो औरत जुल्म सहती रहती है क्योंकि उसे बच्चे पालने होते हैं। हमें भी अपने साथियों के भविष्य की खातिर वो जुल्म सहने पड़े।"
पीएम मोदी ने हरियाणा की जनता को लोकसभा चुनाव में दसों सीटों पर जीत दिलाने के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने करतारपुर प्रोजेक्ट के लगभग पूरे होने पर भी अपनी खुशी व्यक्ति की और कहा कि वे भाग्यशाली हैं जो उन्हें 70 साल पहले के मुद्दे को सुलझाने का मौक़ा मिला।
राजनाथ ने हरियाणा की पूर्ववर्ती सरकारों की कार्यशैली पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जमीनी स्तर पर काम किया है। कॉन्ग्रेस और इनेलोद के मुख्यमंत्री तो दिल्ली के इशारों पर सरकार चलाते थे।